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Ramlala की नई मूर्ति के लिए देश के शीर्ष मूर्तिकारों को लगाया गया

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने रामलला की नई मूर्ति के आकार और जिस पत्थर से मूर्ति बनाई जानी है, उसे अंतिम रूप देने के लिए देश के शीर्ष मूर्तिकारों को सेवा में लगाया है। तीर्थ क्षेत्र के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
देश भर के शीर्ष मूर्तिकार भगवान राम की नई प्रस्तावित मूर्ति के अपने मॉडल, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को सौंप रहे हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मंगलवार को कहा, हमें शीर्ष संतों और हिंदू विद्वानों से सुझाव मिले हैं कि राम लला की मूर्ति 5-6 साल के बच्चे की तरह होनी चाहिए।

विचार यह है कि केवल एक खड़ी मूर्ति बनाई जानी चाहिए। अधिकांश मूर्तिकार यह भी सुझाव देते हैं कि मूर्ति खड़ी होनी चाहिए। मूर्तिकारों से मॉडल प्राप्त करने के बाद अंतिम निर्णय किया जाएगा।
राय ने कहा, रामलला की आंखें, नाक, कान, चेहरा, पैर की उंगलियां, धनुष और तीर किस आकार के होंगे, हम उन सूक्ष्म पहलुओं ( बारिकियां ) पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, विशिष्ठताओं को ध्यान में रखकर चित्रकार राम लला के चित्र तैयार कर रहे हैं, फिर उन चित्रों के आधार पर मूर्तियां बनाई जाएंगी और उनमें से सर्वश्रेष्ठ का चयन किया जाएगा और फिर उसे ही स्थापित किया जाएगा।

इस बीच, राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने मंगलवार को पीटीआई-को बताया, ‘‘बुधवार से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र के सभी नौ दिनों के लिये अलग-अलग रंगों के नौ विशेष परिधान तैयार किए गए हैं, जिन्हें रामलला धारण करेंगे।’’
अस्थायी मंदिर में यह आखिरी रामनवमी समारोह होगा, क्योंकि अगले साल से भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति को स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जो निर्माणाधीन है।
दास ने बताया, रामनवमी के दिन 30 मार्च को रामलला पीले रंग के कपड़े पहनेंगे, क्योंकि हिंदू धर्म में पीले रंग को शुभ माना जाता है और अस्थायी मंदिर में रामलला की यह आखिरी रामनवमी है।

अगले साल रामनवमी भव्य मंदिर में मनायी जाएगी।
दास ने कहा कि राम लला की पोशाक के रंगों में पीला, गुलाबी, हरा, सफेद, लाल, क्रीम रंग और नीला जैसे प्रमुख रंग शामिल हैं।
भगवान राम के जन्म के उपलक्ष्य में राम नवमी का त्यौहार मनाया जाता है जो भगवान विष्णु के अवतार हैं।

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