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Maliana सामूहिक हत्या मामले में निचली अदालत के रिकॉर्ड तलब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 1987 के मलियाना सामूहिक हत्या मामले में 41 आरोपियों को बरी किए जाने के संबंध में निचली अदालत से रिकॉर्ड तलब किए हैं। आरोप है कि यूपी पीएसी कर्मियों समेत एक भीड़ ने एक ही समुदाय के 63 लोगों को जान से मार दिया था।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने रईस अहमद द्वारा मेरठ के सत्र न्यायालय के 31 मार्च, 2023 के निर्णय के खिलाफ दायर आपराधिक अपील पर यह आदेश सोमवार को पारित किया।
अदालत ने कहा, “निचली अदालत के रिकॉर्ड मंगाए जाएं और इस मामले में 14 अगस्त, 2023 को अगली सुनवाई होगी।”

रईस मलियाना सामूहिक हत्याकांड में जीवित बच गया था। उन्होंने मेरठ के सत्र न्यायालय के उस निर्णय को चुनौती दी है जिसमें 1987 के मलियाना सामूहिक हत्याकांड में सभी 41 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि मेरठ के मलियाना गांव में 23 मई, 1987 को भड़की हिंसा में करीब 63 लोग मारे गए थे। घटना के 36 साल बीतने और 800 सुनवाई के बाद यहां के सत्र न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव मे सभी 41 आरोपियों को बरी कर दिया था।
प्राथमिकी में नामजद 40 अन्य लोगों की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गयी थी।

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