पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जॉयनगर इलाके में सोमवार को सुबह तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद भीड़ ने एक कथित हमलावर को पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि जॉयनगर में बामुंगाची इलाके के तृणमूल कांग्रेस क्षेत्र अध्यक्ष सैफुद्दीन लस्कर (47) की कुछ बदमाशों ने उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह सुबह की नमाज के लिए बाहर गए थे।
उसने बताया कि गोली लगने के बाद लस्कर को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद लस्कर के समर्थकों ने कथित हमलावरों में से एक को पकड़ लिया और पीट-पीटकर उसे मार डाला। मौके पर पहुंची पुलिस ने एक अन्य कथित हमलावर को बचा लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
लस्कर की पत्नी पंचायत प्रधान हैं।
घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
स्थानीय विधायक विश्वनाथ दास ने दावा किया कि हत्या के पीछे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित गुंडों का हाथ है।
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस ने कहा कि घटना के बाद पड़ोसी दलुआखाली गांव में कई घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई तथा आग लगा दी गई।
दलुआखाली के कुछ प्रभावित लोगों ने दावा किया कि उनके घरों को निशाना बनाया गया और उनमें से कई पर हमला किया गया, क्योंकि वे माकपा समर्थक हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस की मौजूदगी में उनके घरों में आग लगा दी गई और दमकल की गाड़ियों को आग बुझाने से रोका गया।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा, यह घटना बोगतुई नरसंहार की याद दिलाती है।
मार्च 2022 में बीरभूम जिले के बोगतुई में स्थानीय तृणमूल नेता भादु शेख की हत्या के बाद आगजनी और हिंसा में कम से कम 10 लोग मारे गए।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि हर मौत दुर्भाग्यपूर्ण है और हत्यारों को पकड़ने तथा साजिश का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस को उचित जांच करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, सैफुद्दीन लस्कर की हत्या तृणमूल कांग्रेस के भीतर आंतरिक कलह का नतीजा है, माकपा को दोष देने का कोई मतलब नहीं है।