टिपराहा इंडिजिनस प्रोग्रेसिव रीजनल अलायंस (टीआईपीआरए मोथा) के प्रमुख प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने राजनीति और सार्वजनिक जीवन छोड़ने का फैसला किया है। देब बर्मा द्वारा प्रकाशित एक वीडियो संदेश में, शाही वंशज को यह कहते हुए सुना जाता है कि ‘मैंने लोगों को कुछ देने और राजनीति और सार्वजनिक जीवन छोड़ने का फैसला किया है।’ उन्होंन अपने बयान में कहा कि मैं अब राजनीति नहीं करना चाहता, मैं लोगों को कुछ देना चाहता हूं। मैंने लोगों को कुछ देने और राजनीति और सार्वजनिक जीवन छोड़ने का फैसला किया है। एक मिनट लंबे वीडियो में देब बर्मा यह भी कहते हैं, ‘एमपी बनने से कुछ नहीं मिलेगा’। अब लोगों के लिए कुछ करूंगा।
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यह कदम टीआईपीआरए मोथा प्रमुख द्वारा पार्टी नेताओं के साथ शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने और उनसे “ग्रेटर टिपरालैंड” की मांग के लिए “संवैधानिक समाधान” लाने का आग्रह करने के दो दिन बाद आया है। टीआईपीआरए मोथा पार्टी के प्रमुख ने कहा था कि हमने ग्रेटर टिपरालैंड की मूल मांग, ग्रेटर टिपरालैंड के संवैधानिक समाधान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हम अन्य नेताओं के साथ उनसे मिले और हमारी चर्चा हुई। बर्मन ने कहा था कि उनकी पार्टी चाहती है कि त्रिपुरा के मूल निवासियों को सम्मान का जीवन मिले।
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टीआईपीआरए मोथा का गठन राज्य के आदिवासियों के लिए एक अलग ग्रेटर टिपरालैंड राज्य की मांग को लेकर 2021 में किया गया था। 25 फरवरी 2019 को, प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा को त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। कुछ ही महीनों के भीतर, देब बर्मा ने कांग्रेस आलाकमान पर ‘भ्रष्ट लोगों’ को समायोजित करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। देब बर्मा ने अपने पहले के दावे की पुष्टि की कि ग्रेटर टिपरालैंड की मांग से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा और 2023 में जीत के लिए कड़ा आह्वान किया। इस बार त्रिपुरा चुनाव में पार्टी ने 60 में से 13 सीटों पर जीत हासिल की थी।
#WATCH | “I don’t want to do politics anymore, I want to give something to the people. I have decided to give something to people and quit politics and public life…”: Pradyot Kishore Manikya Debbarma, Tipra Motha chief pic.twitter.com/KtkriV929C