बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पुलिस से पूछा कि क्या टेलीविजन अभिनेत्री तुनिषा शर्मा की कथित खुदकुशी की जांच सही ढंग से की जा रही है। इसने कहा कि पुलिस को यह पता लगाना होगा कि क्या आरोपी की ओर से उकसावे का काम किया गया था।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पी के चव्हाण की खंडपीठ ने पुलिस की केस डायरी की पड़ताल की।
पीठ शर्मा के सह-कलाकार 27 वर्षीय अभिनेता शीजान खान द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें अभिनेत्री को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
खान ने अपनी याचिका में मामले को खत्म करने और खुद को जेल से रिहा करने का आग्रह किया है।
धारावाहिक अली बाबा: दास्तान-ए-काबुल में अभिनय करने वाली 21 वर्षीय शर्मा पिछले साल 24 दिसंबर को पालघर जिले के वसई के पास सेट पर वॉशरूम में लटकी मिली थीं। खान को अगले दिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
लोक अभियोजक अरुणा कामत पई ने पुलिस की ओर से अदालत को बताया कि सीसीटीवी फुटेज (जिस दिन शर्मा ने आत्महत्या की) में दिखता है कि जब अभिनेत्री सेट पर पहुंचीं तो वह सामान्य और खुशमिजाज दिख रही थीं।
पई ने कहा, फिर वह आरोपी के कमरे में प्रवेश करती दिखती हैं, लेकिन परेशान होकर बाहर आती हैं। हमने तीन मोबाइल फोन (शर्मा, खान और एक अन्य दोस्त का) फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं।
खान के वकील धीरज मिराजकर ने कहा कि पुलिस अपनी जांच जारी रख सकती है, लेकिन अभिनेता को हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है।
पीठ ने तब पुलिस से पूछा कि क्या जांच सही ढंग से की जा रही है।
अदालत ने कहा, क्या जांच सही दिशा में की जा रही है। अंतत: यह देखने की जरूरत है कि क्या उकसाया गया था। शिकायतकर्ता (शर्मा की मां) का बयान प्रथम दृष्टया यह नहीं दर्शाता है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख निर्धारित की।