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Uddhav Thackeray को भड़का कर क्या करवाना चाहती है BJP? Maharashtra Politics आखिर किस दिशा में जा रही है?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जबसे अयोध्या का दौरा करके आये हैं तबसे उद्धव ठाकरे बेहद परेशान हैं। बाला साहेब ठाकरे द्वारा गठित पार्टी को तो एकनाथ शिंदे ने कब्जा ही लिया है अब ठाकरे को इस बात का डर है कि कहीं सबसे बड़े हिंदूवादी नेता के रूप में भी शिंदे ना स्थापित हो जायें इसलिए ठाकरे और उनके सहयोगी ढूँढ़-ढूँढ़ कर ऐसी बातें निकाल रहे हैं जिससे वह यह साबित कर सकें कि उनका हिंदुत्व ही असली हिंदुत्व है।
इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने यह कह कर ठाकरे वाले गुट का गुस्सा बढ़ा दिया है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस में शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता शामिल नहीं था। यह सुनते ही उद्धव ठाकरे आग बबूला हो गये हैं। शिवेसना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को या तो अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब मस्जिद गिरायी जा रही थी तब चूहे अपने बिलों में छिपे थे। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी का हिंदुत्व ‘राष्ट्रवाद’ है और भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका हिंदुत्व क्या है।
हम आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता पाटिल ने सोमवार को कहा था कि जब छह दिसंबर, 1992 को बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा अयोध्या में मस्जिद ढहायी जा रही थी तब शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता उसके पास मौजूद नहीं था। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्यसभा सदस्य संजय राउत अक्सर बाबरी मस्जिद विध्वंस की चर्चा करते रहते हैं लेकिन क्या वह उस समय अयोध्या में थे। चंद्रकांत पाटिल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत चुराने के आरोप को लेकर उद्धव ठाकरे पर भी तंज किया था। उन्होंने कहा ‘‘बालासाहेब सभी हिंदुओं के हैं और उनके नाम (विरासत) का उपयोग करने के लिए हर कोई स्वतंत्र है।’’

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इस बीच, माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे को भड़का कर भाजपा एमवीए में फूट डालना चाहती है। अभी हाल ही में जब राहुल गांधी ने महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का अपमान किया तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने तगड़ी नाराजगी जताई थी जिसके बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी से संजय राउत की मुलाकात हुई और कांग्रेस नेताओं ने सावरकर विरोधी सुरों पर लगाम लगायी। अब चंद्रकांत पाटिल ने जो मास्टर स्ट्रोक चला है उसमें फंस कर उद्धव ठाकरे ने यह दावा दोहरा दिया है कि जब मस्जिद गिरायी जा रही थी तब चूहे अपने बिलों में छिपे थे और शिवसैनिक काम पर लगे थे। जाहिर है उनके इस बयान के बाद कांग्रेस से जवाब मांगा जायेगा कि वह ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन में क्यों है जो शेखी बघारते हुए बाबरी मस्जिद को गिराये जाने का श्रेय लेती हो?
 
बहरहाल, उद्धव ठाकरे के भड़कने के बाद वैसे चंद्रकांत पाटिल ने अपनी सफाई भी पेश कर दी है। उन्होंने कहा है कि मेरे कहने का यह मतलब नहीं था कि बाबरी को गिराने में शिवसेना का कोई रोल नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे कहने का यह मतलब था कि वहां जो भी मौजूद था वह किसी भी पार्टी का नहीं था बल्कि वह सिर्फ हिंदू था। उन्होंने कहा कि मैं उद्धव ठाकरे से बात कर उनके भ्रम को दूर करूँगा।

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