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उद्धव ने मुख्यमंत्री रहते हुए अमरावती के फार्मासिस्ट हत्याकांड को दबाने की कोशिश की थी

विधायक रवि राणा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता के इशारे पर जून में अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या की जांच डकैती के मामले के तौर परकरने के लिये पुलिस पर दबाव डाला था।
राणा ने ठाकरे की कथित भूमिका का पता लगाने के लिए एक एसआईटी द्वारा जांच की मांग की थी।
राणा की मांग का जवाब देते हुए राज्य के मंत्री शंभुराज देसाई ने विधान सभा को बताया कि राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) को राणा द्वारा लगाए गए आरोपों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 15 दिनों में एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा जाएगा।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा पिछले सप्ताह 11 लोगों के खिलाफ दायर चार्जशीट के अनुसार, भाजपा नेता नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी का समर्थन करते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने वाले कोल्हे की पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए तब्लीगी जमात के कुछ “कट्टरपंथी इस्लामवादियों” ने हत्या कर दी थी।
राणा ने आरोप लगाया, “कोल्हे ने हिंदू धर्म का प्रचार किया और जब उन्हें धमकियां मिलीं तो अमरावती पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।”

पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती जिले से ताल्लुक रखने वाले निर्दलीय विधायक ने दावा किया, “जब कोल्हे की सार्वजनिक रूप से हत्या की गई थी, तब मुख्यमंत्री ठाकरे ने जांच को डकैती के मामले में बदलने और कांग्रेस नेता के इशारे पर इसे दबाने का निर्देश दिया था।”
उन्होंने उद्धव की भूमिका की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की।
राणा ने यह भी दावा किया कि उनके और उनकी सांसद पत्नी नवनीत राणा के केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) से मिलने के बाद ही एनआईए ने कोल्हे की हत्या की जांच शुरू की।

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