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राजस्थान में गंग नहर के माध्यम से जल का असमान वितरण प्रमुख मुद्दा: किसान

राजस्थान विधानसभा चुनाव से एक सप्ताह पहले श्री गंग नहर के किसानों का मानना है कि गंगा नहर के माध्यम से जल का असमान वितरण सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है, जो राज्य में मतदान के दौरान मतदाताओं के जेहन में रहेगा।
किसानों ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का आरोप लगाया।
किसानों ने राजनीतिक नेताओं पर उन्हें उनके हिस्से के पानी से वंचित करने का आरोप लगाया और कहा कि पंजाब से पानी का बहाव पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया गया है।
ग्रामीण किसान मजदूर समिति, राजस्थान के रणजीत सिंह राजू ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हमारे यहां जो नहर प्रणाली है, वह 1927 में स्थापित की गई थी। इसे पानी वितरित करने वाली दुनिया की पहली प्रणालियों से एक माना जाता था।

जैसे-जैसे सत्ता बदलती गई, गंगा नहर का पुनर्निर्माण हुआ और इसमें खूब भ्रष्टाचार हुआ। जब महाराजा गंगा सिंह ने यहां नहर का निर्माण कराया था, तब दोनों राज्यों के लिए जल वितरण समान था, लेकिन अब यह असमान हो गया है।”
राजू ने कहा कि गंग नहर और आसपास के इलाकों के किसानसिंचाई के पानी की कमी के कारण समस्या का सामना कर रहे हैं और मौजूद जल रयासनों से युक्त है।
उन्होंने कहा, “पंजाब से पानी छोड़ने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार है। यह एक ऐसी चीज है जिसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा। नहर को भी समय-समय पर बंद किया जा रहा है और यहां के किसानों के लिए पानी की आपूर्ति में बड़ी परेशानी हो रही है।सरकार को निगरानी करनी चाहिए और सभी राज्यों में समान वितरण सुनिश्चित करना चाहिए।”
सितंबर में, गंग नहर के 10,000 से अधिक किसानों ने अपने हिस्से का पानी जारी करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।

प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्य राजमार्ग को तीन दिन के लिए अवरुद्ध कर दिया था, जिला कलेक्टर के कार्यालय को तीन और दिनों के लिए घेर लिया था और गंग नहर शहर में पांच प्रवेश द्वारों को भी अवरुद्ध कर दिया था।
राज्यसभा के लिए 25 नवंबर को होने वाले चुनाव में प्रचार जोर-शोर से जारी है, ऐसे में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और गंग नहर के निर्दलीय उम्मीदवारों ने किसानों को आश्वासन दिया है कि गंगा नहर के माध्यम से पानी के बंटवारे की उनकी समस्या का ध्यान रखा जाएगा।
एक किसान विक्रमजीत सिंह ने कहा कि किसानों को गंगा नहर से प्रतिदिन 2,500 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की अगली सरकार को इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए।
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यहां हम किसानों को पानी का वह हिस्सा नहीं मिलता जिसके हम हकदार हैं।

हम कई बार विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे हैं। पानी का बराबर हिस्सा पाना हमारा अधिकार है। हमें गंगा नहर से प्रतिदिन लगभग 2,500 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। लेकिन हमारे कोटे का पानी पाकिस्तान की ओर भेज दिया गया है। हमने कई बार शहर प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी है और चाहते हैं कि अगली सरकार इस मुद्दे का समाधान करे।
ग्रामीण किसान मजदूर समिति के प्रवक्ता गैलेक्सी बराड़ ने कहा, किसान 2016 से यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बराड़ ने आरोप लगाया, किसान 2016 से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकारें बदल गईं, लेकिन चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस – किसी ने भी इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया। पंजाब और राजस्थान एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं और फिर वे मिलकर केंद्र पर आरोप लगाते हैं।

गंग नहर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार जयदीप बिहानी ने कहा कि उनकी पार्टी पिछले पांच वर्षों से इस मुद्दे को उठा रही है और अगर वह सत्ता में आती है तो वह इस मामले को प्राथमिकता देंगे। बिहानी ने कहा, “सिर्फ अनियमित आपूर्ति ही नहीं, पंजाब गंगा नहर में रासायनिक कचरा भी छोड़ता है। इसकी वजह से गंग नहरकैंसर पीड़ितों के शहर में तब्दील हो गया है। यह मानवता के खिलाफ एक बड़ा अपराध है। हम इस मुद्दे को पांच साल से उठा रहे हैं।”
किसानों ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल औरपंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान ने उनसे मुलाकात की थी और इस मुद्दे के समाधान का वादा किया था।
गंग नहर से कांग्रेस नेता नरेश सेठिया ने कहा कि इस समस्या ने राजस्थान और पंजाब के बीच दरार पैदा कर दी है और आगामी चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार अंकुर मंगलानी विधानसभा के लिए चुने जाने पर इस पर काम करेंगे।

उन्होंने कहा, “गंगा नहर का पानी बहुत हानिकारक है और कैंसर तक का कारण बन रहा है। इस मुद्दे ने राजस्थान और पंजाब के बीच दरार पैदा कर दी है। नहर में रासायनिक कचरा छोड़ने पर रोक लगनी चाहिए। इस मामले पर कार्रवाई होनी चाहिए।ह मारे उम्मीदवार अंकुर मंगलानी विधानसभा के लिए चुने जाने पर इस पर काम करेंगे।”
क्षेत्र में जबरस्त पकड़ रखने वाली निर्दलीय उम्मीदवार करुणा अशोक चांडक ने विधायक बनने पर पंजाब सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाने का वादा किया है।
राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी।

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