केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने गोवा से होकर बहने वाली महादयी नदी का पानी कर्नाटक को देने के मुद्दे पर यह कहते हुए टिप्पणी करने से शनिवार को इनकार किया कि वह इस मामले पर विशेषज्ञ नहीं हैं।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ही इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी कर पाएंगे।
महादयी की सहायक नदियों-कालसा और बंदूरी पर बांध निर्माण के माध्यम से महादयी कापानी कर्नाटक को देने को लेकर उसके और गोवा के बीच लंबे समय से विवाद है।
दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में है।
केंद्र सरकार ने इन दोनों बांधों के प्रस्तावित निर्माण के लिए कर्नाटक द्वारा सौंपी गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को हाल में मंजूरी दी है।
गोवा सरकार ने दलील दी है कि कर्नाटक नदी का पानी अपनी तरफ नहीं मोड़ सकता क्योंकि यह उत्तरी गोवा में महादयी वन्यजीव अभयारण्य से होकर गुजरती है।
जब यादव से कहा गया कि यह मुद्दा पर्यावरण मंत्रालय से भी जुड़ा है तो उन्होंने कहा कि जब पर्यावरण अनापत्ति के लिए यह विषय उनके समक्ष आएगा तब वह विशेषज्ञों की राय का अध्ययन करने के बाद टिप्पणी करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस पर टिप्पणी करने के लिए कोई वैज्ञानिक विशेषज्ञ नहीं हूं। बिना अध्ययन किए मैं कैसे टिप्पणी कर सकता हूं।’’
इससे पहले दिन में विपक्षी कांग्रेस ने मांग की कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाल के इस बयान की निंदा करें कि भाजपा ने महादयी नदी विवाद का समाधान कर दिया है और उसका पानी कर्नाटक को दे दिया है।
शाह के बयान के बाद गोवा के विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर ‘‘कोई रुख अख्तियार नहीं करने’’ को लेकर सावंत के इस्तीफे की मांग की है।