ये दिल का मामला है जरा समझा करो…. ये एक बेहद ही पॉप्यूलर गाना है जो कि सलमान खान पर बनाया गया है। इस गाने के बोल गुजरात के एक जोड़े पर सटीक बैठते हैं जो अपने दिल के आगे हर बार मजबूर हो जाते है। गुजरात के अहमदाबाद में प्यार और तकरार की ऐसी कहानी सामने आई है, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान है।
यहां पति-पत्नी के बीच अनोखा मामला देखने को मिला है जहां एक महिला ने अपनी ही पति को शादी के बाद जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। जेल भेजने के बाद महिला का दिल पसीजा और फिर अपने ही पति की जमानत करवाने पहुंच गई। ये पूरा कारनामा एक या दो बार नहीं बल्कि 10 वर्षों में सात बार हुआ है, जिस कारण ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस दंपत्ति ने साबित कर दिया है कि वो ना साथ रह सकते हैं और दूरियां भी बर्दाश्त नहीं कर सकते है। पूरा मामला मेहसाणा के कादी का है जहां एक महिला ने अपने पति पर 10 साल में सात बार घरेलू हिंसा का आरोप लगाकर उसे सलाखों के पीछे पहुंचाया। वहीं सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद महिला का दिल बार बार पसीजा और वो खुद अपने पति की जमानत करवाने पहुंच गई। महिला खुद अपने पति की गारंटर बनकर उसे जेल से छुड़वा देती है। यानी दोनों साथ रहते हैं, लड़ते-झगड़ते हैं, अलग होते हैं और फिर मिल जाते है।
जानकारी के मुताबिक दोनों के बीच इस तरह लड़ाई बीते 10 वर्षों से चल रही है। दोनों की शादी 2001 में हुई थी। शुरुआत में दोनों अच्छे से रहे मगर वर्ष 2014 से दोनों के बीच मतभेद बढ़ने लगे। सबसे पहले वर्ष 2015 में पत्नी सोनू ने अपने पति प्रेमचंद के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद अदालत ने पति प्रेमचंद को हर महिने 2000 रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। मगर प्रेमचंद ऐसा नहीं कर सका। उसके बाद पति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया और पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले गई, जहां पांच महीने उसे जेल में रहना पड़ा। इसके बाद सोनू का दिल पसीजा और उसने पति को बाहर निकालने का फैसला किया और उसकी गारंटर बन उसे जेल से रिहा करवा लाई।
इसके बाद वर्ष 2016-2018 के बीच हर वर्ष सानू ने अपने पति को गिरफ्तार करवाया और बाद में उसकी जमानत भी करवाई। वर्ष 2019-20 में भी प्रेमचंद गुजारा भत्ता नहीं दे सका जिस कारण उसे दो बार जेल जाना पड़ा मगर हमेशा की तरह उसकी पत्नी ने उसे जेल से रिहा करवा लिया। इसके बाद दोनों का कई बार झगड़ा हुआ। इस वर्ष भी दोनों का झगड़ा हुआ और प्रेमचंद जब गुजारा भत्ता देने में समर्थ नहीं हुआ तो फिर सलाखों के पीछे पहुंचा। यहां उसे पत्नी ने कुछ समय बाद फिर रिहा करवा लिया है। अब जिन्हें भी इन दोनों पति-पत्नी के बार में पता है वो सोच रहे हैं कि अब दोनों एक साथ सुखपूर्वक रहेंगे।