2024 चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां लगातार बनी हुई हैं। सभी सियासी दल अपने-अपने समीकरणों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। इन सबके बीच हाल में ही जदयू से अलग होकर राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन करने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी उनके साथ मौजूद रहे। फिलहाल उपेंद्र कुशवाहा की पटना वापसी हो चुकी है। हालांकि, इस मुलाकात के दौरान क्या कुछ बात हुई है, इसको लेकर अब तक विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा ने मुलाकातों को लेकर साफ तौर पर कह दिया कि लोग अटकल लगाने के लिए स्वतंत्र हैं।
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अमित शाह से क्या बात हुई, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब मुझे आवश्यकता महसूस होगी, तब मैं आप लोगों को खुद ही बता दूंगा। कौन सी बात हम आपको बताएंगे और कौन से नहीं यह मेरे ऊपर ही छोड़ दिजिए। इसी के बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा के पर फिर से एनडीए में वापसी हो सकती है। वे लगातार पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देते हुए सिर्फ इतना कह रहे थे कि हमको जब भी बात करनी होगी, तब हम आपको बुलाकर बताएंगे। अभी हम सब कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है। इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा साफ तौर पर कहते नजर आए कि नरेंद्र मोदी के सामने 2024 में कोई चैलेंज नहीं है। विपक्षी एकता पर उन्होंने कहा कि अब यह प्रयास क्या नया हो रहा है।
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कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जिन जिन विषयों पर अपनी नीतियां बनाई है और नीतियों का खामियाजा पूरे राज्य को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने हाल में ही शिक्षक बहाली के लिए जो राज्य सरकार की ओर से प्रक्रिया लाई गई है ,उसकी भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा की क्वालिटी नहीं मिलेगी। आपको बता दें कि जदयू में लगातार हाशिए पर रहने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी छोड़ दिया था और अपनी पार्टी का गठन कर लिया। 2014 में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले उपेंद्र कुशवाहा 2019 में एनडीए से अलग हो गए थे। हालांकि, 2019 तक व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री भी रहे।