नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल के आतंकवादी हमलों की जांच होनी चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि क्या सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को पकड़ा जाना चाहिए, मारा नहीं जाना चाहिए और हमलों के पीछे कौन है, इसकी तह तक जाने के लिए उनसे पूछताछ की जानी चाहिए। अब्दुल्ला की टिप्पणी इस सवाल के जवाब में थी कि क्या हाल ही में बडगाम आतंकी हमले सहित जम्मू-कश्मीर में हर आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया जाना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस बारे में कोई सवाल ही नहीं है। मैं कहूंगा कि इसकी जांच होनी चाहिए। उन्हें (आतंकवादियों को) मारा नहीं जाना चाहिए, उन्हें पकड़ा जाना चाहिए और पूछा जाना चाहिए कि उनके पीछे कौन है। हमें जांच करनी चाहिए कि क्या कोई एजेंसी है जो उमर अब्दुल्ला को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हाल ही में संपन्न जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में निर्णायक जीत हासिल की थी। पार्टी ने 90 में से 42 सीटें जीतीं, सहयोगी कांग्रेस की झोली में छह सीटें आईं और उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
फारूक अब्दुल्ला ने सवाल किया कि क्या आतंकवादी हमलों में वृद्धि “जम्मू-कश्मीर सरकार को अस्थिर करने” के लिए है। फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर भाजपा हमलावर हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर कुछ लोग देश को प्राथमिकता देने की बजाय राजनीति, परिवार और वोट बैंक को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए या आतंकवाद के प्रायोजकों को बचाने के लिए भारतीय सेना, भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगाना फारूक अब्दुल्ला को शोभा नहीं देता।
जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों को हमारा पूरा समर्थन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला जानते हैं कि यह आतंकवाद पाकिस्तान से आ रहा है। यह एक सर्वविदित तथ्य है। इसमें जांच की क्या बात है? उन्हें मालूम है कि जम्मू-कश्मीर में जो आतंकी हमले हो रहे हैं, उसमें पाकिस्तान और आतंकी संगठनों का हाथ है। हम सभी को अपनी सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों का समर्थन करना चाहिए। हमें उन लोगों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा जो मानवता के दुश्मन हैं।’
इसे भी पढ़ें: Srinagar Encounter | जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़, इलाके की घेराबंदी
इस बीच कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने फारूक अब्दुल्ला के बयान का बचाव किया। शरद पवार ने फारूक अब्दुल्ला को ‘जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा व्यक्तित्व’ बताया और कहा, ‘उन्होंने अपना जीवन जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा में बिताया। मुझे उनकी सत्यनिष्ठा और ईमानदारी पर कोई संदेह नहीं है। अगर ऐसा नेता कोई बयान दे रहा है, तो केंद्र सरकार, विशेषकर गृह मंत्रालय को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और यह पता लगाने का प्रयास करना चाहिए कि उस स्थिति को कैसे हल किया जा सकता है।” जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने भी दावा किया कि “खुफिया ग्रिड में कमी” थी जिसे संबोधित करने की जरूरत है।