एक पिता ने अपनी बेटी के पहले मासिक धर्म का जश्न घर को सजाकर और केक काटकर मनाया ताकि समाज को यह संदेश दिया जा सके कि “मासिक धर्म दुनिया का सबसे पवित्र धर्म है”। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में एक परिवार ने अपनी बेटी के पहले मासिक धर्म का जश्न केक काटकर मनाया। उधम सिंह नगर के काशीपुर शहर के निवासी जितेंद्र भट्ट ने अपनी बेटी की पहली माहवारी का जश्न मनाने के लिए अपने घर को गुब्बारों से सजाया।
पेशे से संगीत शिक्षक जीतेन्द्र भट्ट ने समाज को यह संदेश देने के लिए ऐसा कदम उठाया कि “मासिक धर्म दुनिया का सबसे पवित्र धर्म है”।
इसे भी पढ़ें: Devendra Fadnavis Birthday: बीजेपी कैडर को फडणवीस का संदेश, मेरे जन्मदिन को ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाएं
लड़की के पिता ने कहा कि “जब मैं छोटा था तो मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ तो, मैंने देखा कि महिलाओं और लड़कियों को मासिक धर्म होने या इसके बारे में बात करने पर भी हेय दृष्टि से देखा जाता था। इस समय अगर कोई महिला किसी भी चीज को छू लेती है तो उसे अशुद्ध माना जाता है। इन सभी गलतफहमियों को दूर करने के लिए मैंने अपनी बेटी के पहले पीरियड्स को सेलिब्रेट करने के बारे में सोचा। लड़की के पिता ने कहा, ”यह अपवित्रता या छुआछूत की बीमारी नहीं बल्कि खुशी का दिन है।”
स्थानीय लोग भी जितेंद्र की पहल से खुश हैं और उन्होंने कहा कि यह पहल रंग लाएगी और इस गलत धारणा से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी कि पीरियड्स के दौरान लड़कियां “अशुद्ध” हो जाती हैं।
इसे भी पढ़ें: बहन के प्रेम प्रसंग से बौखलाया भाई, सिर को किया धड़ से अलग! कटी हुई लड़की की खोपड़ी लेकर पहुंचा थाने
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नवप्रीत कौर के मुताबिक, ”यह एक बहुत अच्छी पहल है, क्योंकि जिस तरह से लोग इसे छुआछूत मानते हैं वह बिल्कुल गलत है। ये कोई बीमारी नहीं है, ये छुआछूत नहीं है. पीरियड्स के दौरान हर दिन स्नान करें, हर दिन पूजा करें और हर दिन मंदिर जाएं।”