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उत्तराखंड: बारिश से एक युवती की मौत, दो लोग लापता, धामी ने किया बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा

उत्तराखंड में बारिश के कारण हुए भूस्खलन और पुल टूटने की घटनाओं में एक युवती की मौत हो गयी तथा दो अन्य लोग लापता हो गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का बृहस्पतिवार को दौरा किया।
राज्य में अनेक स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई सड़कों पर यातायात अवरुद्ध हो गया जिससे जन-जीवन के साथ ही चारधाम यात्रा पर भी प्रभाव पड़ा। पौड़ी जिले के कोटद्वार को भाबर से जोड़ने वाला मालन नदी पर बना महत्वपूर्ण पुल भारी बारिश के बीच टूट गया।
अगले दो दिन बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए प्रदेश में पहली से 12वीं कक्षा के सभी विद्यालयों में 14 और 15 जुलाई को अवकाश घोषित कर दिया गया है।
प्रदेश में पिछले 24 घंटे में भूस्खलन की घटनाओं में चार व्यक्ति घायल भी हुए हैं।
रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से दो किलोमीटर आगे मोरानी में पहाड़ी से मलबा आने के कारण गुजरात के सूरत की रहने वाली एक युवती की मौत हो गयी और बिहार का रहने वाला एक युवक घायल हो गया।

रूद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि एक अन्य घटना में, गौरीकुंड के पास भटवाड़ीसैंण में भूस्खलन होने से उसके मलबे में एक कार दब गयी जिसके कारण कार चालक घायल हो गया।
टिहरी जिले में टिहरी-घनसाली मार्ग पर नंदगांव के पास एक बरसाती नाला पार करते समय एक मोटर साइकिल पर पहाड़ी से अचानक मलबा गिर गया जिससे उस पर सवार दो कांवड़ियों में से एक लापता हो गया है।
पुलिस ने बताया कि दूसरा कांवड़िया सुरक्षित है और लापता कांवड़िए की तलाश की जा रही है।
इस बीच, पौड़ी जिले के कोटद्वार में मालन पुल टूटने के दौरान उस पर से एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन व्यक्ति गुजर रहे थे जिनमें से एक व्यक्ति नदी में गिरने के बाद लापता हो गया जबकि दो अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि लापता की पहचान 32 वर्षीय प्रशांत डबराल के रूप में हुई है और उसकी तलाश की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने लक्सर तहसील के अतिवृष्टि तथा सोनाली नदी का तटबंध टूटने से जलभराव और बाढ़ से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने बचाव नौका तथा ट्रैक्टर पर बैठकर लक्सर बाजार, मदारपुर, शाहपुर बस्ती, प्रह्लादपुर, हस्तमौली समेत कई क्षेत्रों का दौरा किया और अधिकारियों को बाढ़ प्रबंधन योजना बनाने को कहा।
इस दौरान उन्होंने प्रभावितों से बातचीत कर उनका हाल-चाल जाना तथा अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर रखते हुए प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने को कहा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अतिवृष्टि के हालात की समीक्षा के लिए यहां एक उच्चस्तरीय बैठक की तथा वरिष्ठ अधिकारियों को स्वयं मौके पर जाकर व्यवस्था संभालने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन करने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव से हरिद्वार जाकर सारी व्यवस्था अपने हाथ में लेने को कहा है।
उन्होंने कहा कि आपदा राहत कार्यों के लिए पर्याप्त बजट है और संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी।

धामी ने यह भी कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण बह गए पुलों का विकल्प तैयार करने के लिए सेना से सहयोग मांगा गया है।
लक्सर के अलावा हरिद्वार शहर, भगवानपुर और रुड़की के विभिन्न क्षेत्र बारिश के बाद जलमग्न हो गए।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, हरिद्वार जिले के संवेदनशील इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और सेना के दल तैनात किए गए हैं।
पहाड़ों में भी भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अनेक मार्ग बंद हैं।
ऋषिकेश-रूद्रप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग भटवाड़ीसैंण, तिलवाड़ा, मुनिकटिया और सोनप्रयाग में मलबा आने के कारण बंद है। रूद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रजवार ने बताया कि मार्ग बंद होने के कारण यात्रा को सोनप्रयाग में रोक दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अवरुद्ध सड़क मार्ग को खोलने का प्रयास किया जा रहा है तथा यात्रियों को भारी बारिश के कारण सुरक्षित स्थानों में रुकने को गया है तथा उनसे मौसम ठीक होने पर ही यात्रा करने की अपील की गई है।

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