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उत्तरकाशी की सुरंग से मजदूरों को निकालने का काम अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। किसी भी समय अब मजदूर सुरंग से बाहर आ सकते है। मजदूरों को सुरंग से निकालने में टीमें जुटी हुई है। खुदाई का काम भी लगभग पूरा हो चुका है, जिसके बाद मजदूर थोड़े ही समय में सुरंग से सकुशल बाहर आ जाएंगे। मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए डॉक्टरों की टीमें भी सुरंग में ही मौजूद है।
वहीं सुरंग से बाहर निकलते ही सभी मजदूरों को एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल ले जाया जाएगा। अस्पताल में मजदूरों के लिए डॉक्टर की टीमें भी अलर्ट पर है। उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एम्स ऋषिकेश के डॉक्टर भी अलर्ट पर है। कुछ ही समय में मजदूरों के बाहर आने का सिलसिला शुरू होगा। हालांकि मजदूरों को एम्स ऋषिकेश में उस समय ले जाया जाएगा जब स्थानीय जिला अस्पताल में उपचार की जरुरतें पूरी नहीं हो सकेंगी।
मजदूरों की सेहत को देखते हुए ऐहितयात के तौर पर एम्स ऋषिकेश को अलर्ट पर रखा गया है। जानकारी के मुताबिक एम्स ऋषिकेश में ट्रॉमा सेंटर में 20 बेड और कुछ आईसीयू बेड है। अगर श्रमिकों को यहां ले जाया जाएगा तो उन्हें अच्छी चिकित्सा देखभाल दी जा सकेगी। इस संबंध में राज्य सरकार ने उत्तरकाशी भेजने के लिए भी टीम तैयार कर ली है। संवाददाताओं के सवाल पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने तत्काल इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल किए गए रास्ते से डाला जा रहा है। सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे 41 मजदूर इसके अंदर फंस गए थे।