Breaking News
-
भारत की टी20 विश्व कप 2024 की जीत के लिए पूरे देश में जश्न मनाया…
-
हमास के एक वरिष्ठ सूत्र ने शनिवार को रॉयटर्स को बताया कि गाजा में नौ…
-
चीन के शेडोंग प्रांत के डोंगमिंग काउंटी में एक खतरनाक बवंडर ने कहर बरपाया, जिसमें…
-
भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के 2025 संस्करण में हिस्सा लेने के…
-
भारत के शीर्ष स्टीपलचेस एथलीट अविनाश साबले और भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना रविवार को…
-
आज के दौर में लोग सेहत का बिलकुल ध्यान नहीं रखते। खराब जीवनशैली और गलत…
-
शुभमन गिल की कप्तानी भारत की युवा क्रिकेट टीम जिम्बाब्वे के दौरे पर है। जहां…
-
नयी दिल्ली। एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज जीतू राय ने युवा निशानेबाजों को…
-
भारत और पाकिस्तान मैच को लेकर फैंस की दीवानगी हर तरफ देखने को मिलती है।…
-
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को अपने पूर्ववर्ती और रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ बहस…
उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में मलबे के अंदर 60 मीटर की ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन में एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। उत्तराखंड के अधिकारी का कहना है कि ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के माध्यम से ड्रिलिंग पूरी हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे बचाव कर्मियों की लगातार मेहनत के बाद 41 मजदूर अब किसी भी समय टनल से बाहर आ सकते है। उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ड्रिलिंग पूरी हो गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा सुरंग बचाव स्थल पर पहुंच चुके है।
संवाददाताओं के सवाल पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने तत्काल इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल किए गए रास्ते से डाला जा रहा है। सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे 41 मजदूर इसके अंदर फंस गए थे। बीते 16 दिनों से मजदूर लगातार सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं जिन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
सुरंग में गए डॉक्टर
टनल में खुदाई का काम पूरा होने के बाद एनडीआरएफ की टीम और डॉक्टरों की टीम सुरंग के अंदर गई है। बचाव दल के डॉक्टर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सुरंग में जाने लगे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि मजदूरों की सेहत जांचने के लिए डॉक्टरों की टीम तैयार है। सभी मजदूरों को टनल से बाहर निकालने में कुल दो से तीन घंटे का समय लगेगा।
एम्बुलेंस हुई तैयार
रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद अब सुरंग के अंदर ही एम्बुलेंस भेजी गई है। टनल के बाहर लगभग नौ से 10 एंबुलेंस मौजूद हैं जिन्हें स्टैंडबाय पर रखा गया है। अस्पताल तक 35 किमी सड़क को जीरो जोन बनाया गया। किसी भी अन्य गतिविधि की अनुमति नहीं है।