उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के एक दिवसीय दौरे पर रहे और इस दौरान उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हम आज बहुत खुश हैं क्योंकि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूरा हो गया है और आज देश में “दो प्रधान, दो विधान और दो निशान” नहीं चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के साथ अब कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक विधान, एक प्रधान और एक निशान है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमारे संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थायी था, लेकिन फिर भी इसे 70 वर्षों तक कायम रखा गया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान के निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर ने अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार करने से इंकार कर दिया था, क्योंकि उनके पास एक महान दृष्टिकोण था। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में उल्लेखनीय विकास हुआ है। उपराष्ट्रपति ने अपने महत्वपूर्ण संबोधन में कहा कि देश के साथ जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण से प्रदेश में निवेश और विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसके साथ ही पर्यटन में भी बड़ा उछाल देखने को मिला है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज देश के सभी शीर्ष संस्थान- आईआईएम, आईआईटी और एम्स जम्मू-कश्मीर में हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जम्मू एजुकेशन हब बनेगा।
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उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर के 200 राज्य कानूनों को निरस्त कर दिया गया है और 370 निरस्त होने के बाद 100 कानूनों को संशोधित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र शासित प्रदेश में सड़कें बन रही हैं और हर क्षेत्र में भारी विकास हो रहा है। बनिहाल सुरंग, चिनैनी-नाशिरी टनल और चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी को भी विकास की गति में बाधा डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी देश का नाम लिए बिना उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रति शत्रु ताकतों द्वारा झूठे आख्यान सुनियोजित तरीके से फैलाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि नापाक मंसूबों को हमारी धरती पर कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा।
उपराष्ट्रपति ने श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सफल रही। उन्होंने कहा, “हम सपने देखना कभी नहीं छोड़ते क्योंकि हमारे सभी सपने पूरे होंगे।” उपराष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार के हितधारकों के लिए बचने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं और सभी लोग कानून के प्रति जवाबदेह हैं।
उपराष्ट्रपति ने अपनी इस एकदिवसीय यात्रा के दौरान जम्मू विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने और समारोह को संबोधित करने के अलावा शीर्ष 10 विद्यार्थियों को स्वर्णपदक भी प्रदान किये। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और विश्वविद्यालय के कुलपति उमेश राय भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह के समापन के बाद उपराष्ट्रपति रियासी जिले में अपनी पत्नी के साथ माता वैष्णो देवी की पूजा अर्चना करने भी पहुँचे। उपराष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।