हाल के वर्षों में हरियाणा में गौ रक्षा से जुड़ी हिंसा में तेजी आई है। जिसमें नूंह जिला विशेष रूप से प्रभावित हुआ है। साल 2021 से लेकर अब तक यहां पर 930 मामले दर्ज किए गए हैं। इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई और 17 घायल हुए हैं। ऐसे में हरियाणा चुनाव में गौरक्षा से जुड़ी हिंसा अहम मुद्दा बना हुआ है। वहीं कांग्रेस नेता यह वादा कर रहे हैं कि सत्ता में आने के बाद इस पर रोक लगाई जाएगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक यह ऐसी हिंसा की घटना है, जिसमें 1437 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 5 लोगों को दोषी पाया गया है।
साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि सबूतों के अभाव में कई आरोपी दोषी साबित नहीं हो पाए हैं। बता दें कि नूंह में तीन विधानसभा क्षेत्र पुनहाना, फिरोजपुर झिरका और नूंह इन तीनों सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव जीता था। ऐसे में कांग्रेस ने इन सीटों से जीत दर्ज किए गए प्रत्याशियों को फिर से टिकट दिया है। इन तीनों सीटों से आफताब अहमद, मोहम्मद इलियास और मामन खान उम्मीदवार हैं।
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पिछले साल सितंबर में नूंह में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर फर्जी खबर फैलाने के आरोप में मामन खान को गिरफ्तार किया गया था। धार्मिक जुलूस को नूंह में निशाना बनाया गया था। जिसके कारण गुरुग्राम समेत कई हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी और इसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी व 28 लोग घायल हो गए थे। हालांकि मामन खान को अक्तूबर महीने में जमानत मिल गई थी।
ऐसे में इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक आफताफ अहमद ने कहा कि वह ऐसे रक्षक दलों को दंगे नहीं करने देंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि गौरक्षक दल नूंह में न घुस पाए। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि गौरक्षकों ने भय का माहौल पैदा कर दिया है और गाय का व्यापार करने वालों पर हमला किया जा रहा है, जिसमें कुछ लोगों की मौत भी हो गई है।
चर्चा में रही गौरक्षा से जुड़ी हिंसा
आपको बता दें कि राज्य में जब से भाजपा सत्ता में आई है, तब से गौरक्षा से जुड़ी हिंसा के मामले लगातार सुर्खियों में बने हैं। इन मामलों में बढ़ोत्तरी भी देखने को मिली है। तो वहीं कई बार भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों पर गौरक्षा के नाम पर हत्या के आरोप लगे हैं।
आप हरियाणा में गौरक्षा से जुड़ी हिंसा कितना बड़ा मुद्दा है, इस बात का अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि नूंह जिल में लाउडस्पीकर पर यह लगातार घोषणा की जा रही है कि राज्य से जल्द ही ‘गौरक्षकों के आतंक’ का अंत होगा और एक दशक बाद कांग्रेस राज्य की सत्ता में वापसी करेगी।