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वीवा समूह के प्रबंध निदेशक Mehul Thakur को धनशोधन मामले में जमानत मिली

मुंबई की एक विशेष पीएमएलए (धनशोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने धनशोधन के एक मामले में वीवा समूह के निदेशक मेहुल ठाकुर की जमानत मंजूर करते हुए सोमवार को कहा कि जेल का माहौल बीमारी से उबरने के लिहाज से उनके लिए ‘‘कतई अनुकूल नहीं’’ है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ठाकुर को ‘हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ (एचडीआईएल) से 196 करोड़ रुपये से अधिक की राशि कई निष्क्रिय कंपनियों के जरिए वीवा समूह को उपलब्ध करने के आरोप में जनवरी 2021 में गिरफ्तार किया था।

बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल मार्च में उन्हें चिकित्सकीय आधार पर छह महीने के लिए अस्थायी जमानत दी थी।
बाद में ठाकुर ने उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित अपनी याचिका वापस ले ली थी और विशेष अदालत से मामले के गुण-दोष और चिकित्सकीय आधार पर जमानत का अनुरोध किया था।
विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता (ठाकुर) के चिकित्सकीय रिकॉर्ड स्पष्ट रूप से इंगित करते हैं कि उच्च न्यायालय द्वारा अस्थायी जमानत पर रिहा किए जाने के बाद भी उनकी मानसिक बीमारी लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि मुंबई की सभी जेलों में विचाराधीन कैदी भरे पड़े हैं। जेल का माहौल बीमारी से उबरने के लिहाज से याचिकाकर्ता के लिए निश्चित रूप से कतई अनुकूल नहीं है।

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