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अंतरराष्ट्रीय अदालत ने यूक्रेन में कार्रवाई को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट क्या जारी किया, पुतिन बेधड़क अंदाज में यूक्रेन के उन इलाकों में जा पहुँचे जहां रूसी सेना अपना कब्जा कर चुकी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से सप्ताहांत में किये गये औचक दौरे से पूरा विश्व हैरान रह गया। यूक्रेन के तबाह हो चुके शहर मारियुपोल के दौरे पर पहुँचे पुतिन ने स्थानीय लोगों से मुलाकात भी की और उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिया। यही नहीं पुतिन एक स्थानीय परिवार के निमंत्रण पर उनके घर भी पहुँचे और इलाके का जायजा लिया। हम आपको बता दें कि रूस द्वारा यूक्रेन पर ‘सैन्य अभियान’ शुरू करने के बाद से यह पुतिन की मारियुपोल की यह पहली यात्रा थी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले यूक्रेन से काला सागर द्वीपीय क्षेत्र को अलग करने की वर्षगांठ मनाने के लिए क्रीमिया का दौरा किया उसके बाद मारियुपोल का दौरा कर उन्होंने क्षेत्र का जायजा लिया। रूसी समाचार एजेंसी क्रेमलिन ने बताया कि पुतिन ने हेलीकॉप्टर से मारियुपोल के लिए उड़ान भरी और एक कार में बैठकर शहर का दौरा किया। रूसी मीडिया ने बताया कि पुतिन मारियुपोल के नेवस्की जिले में एक परिवार से मिलने गए। हम आपको बता दें कि साल भर से ज्यादा समय से चल रहे युद्ध के बाद अब रूसी सेना द्वारा कब्जाये इलाकों के निवासी अपने घरों में लौटने लगे हैं।
इस बीच, खबर है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज रूस की यात्रा पर पहुँच रहे हैं। रूस और चीन की यह मुलाकात यूक्रेन युद्ध को देखते हुए तो अहम है ही, साथ ही यह मुलाकात इस मायने में भी अहम है कि जापान के प्रधानमंत्री आज भारत की यात्रा पर पहुँचे हैं जहां दोनों देश विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने वाले हैं। तीसरी पर चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर रूस जा रहे जिनपिंग के बारे में माना जा रहा है कि वह अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ अहम बातचीत करेंगे और वह यूक्रेन में जंग को खत्म करने के लिए शांति वार्ता की पैरवी कर सकते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक संक्षिप्त घोषणा में कहा, ”रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर राष्ट्रपति जिनपिंग 20 से 22 मार्च तक रूस की राजकीय यात्रा करेंगे।’’ जिनपिंग की यात्रा को पश्चिमी राजधानियों में बीजिंग द्वारा पुतिन के समर्थन के एक शक्तिशाली संकेत के रूप में देखा जाएगा। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म करने को लेकर क्या जिनपिंग शांति वार्ता की पैरवी करेंगे या नहीं, इस बाबत पूछे गए सवालों का चीन के विदेश मंत्रालय के एक अन्य प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पत्रकारों को जवाब दिया, ”हम हमेशा मानते हैं कि संघर्षों और विवादों को सुलझाने का एकमात्र तरीका राजनीतिक संवाद है।”
हम आपको यह भी बता दें कि इस हफ्ते के शुरू में चीन की मदद से सऊदी अरब और ईरान के बीच एक समझौता हुआ और दोनों देश अपनी कटुता को खत्म करने पर राज़ी हुए तथा उनके बीच राजनयिक रिश्ते बहाल हुए। इस घटनाक्रम के बाद जिनपिंग की यह यात्रा हो रही है। बीजिंग ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की है और मॉस्को के साथ अपने करीबी राजनीतिक, व्यापारिक और सैन्य रिश्ते कायम रखे हैं। मॉस्को में भी रूस की सरकार ने जिनपिंग की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि दोनों नेता “रूस और चीन के बीच व्यापक साझेदारी और रणनीतिक बातचीत के संबंध में भविष्य से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।”
इस बीच, अमेरिकी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटिड प्रेस’ की खबर के मुताबिक, अमेरिका ने कहा है कि वह यूक्रेन में संघर्ष विराम के प्रस्ताव को लेकर चीन के किसी भी प्रयास का ‘रूस की जीत की पुष्टि’ के तौर पर विरोध करेगा। व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि जिनपिंग को यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बात कर युद्ध पर उनके देश का नज़रिया जानना चाहिए और ‘एकतरफा” प्रस्तावों से बचना चाहिए।