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जिन सीटों पर नहीं था कांटे का संघर्ष, वहां वोटरों ने भी दिखाई सुस्ती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में कुछ प्रमुख उम्मीदवारों के लोकसभा क्षेत्र में औसत से भी कम मतदान हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की लखनऊ, केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी की अमेठी और विपक्ष के प्रमुख चेहरा राहुल गांधी की सीट पर 40 फीसदी वोटर ही वोट डालने पहुंचे। यही नहीं कई केंद्रीय मंत्रियों की सीटों पर उस चरण के औसत से भी कम मतदान हुआ।ऐसा लग रहा था जिन सीटों पर मुकाबला रोचक यानी कांटे का नहीं था, वहां वोटरों ने भी चुनाव को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया।
पांचवें चरण में शामिल रही लखनऊ सीट से भाजपा के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह चुनाव मैदान में थे। पर, लखनऊ में इस चरण के औसत मतदान 58.02 प्रतिशत से भी कम वोट पड़े। इसी तरह अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी प्रत्याशी हैं। यह सीट भी पांचवें चरण में शामिल थी और यहां इस चरण के औसत मतदान से 3.68 प्रतिशत कम मतदान हुआ।

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उधर, फतेहपुर में केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति मैदान में थी। यहां भी पांचवें चरण के औसत के बराबर मतदान नहीं रहा। यही हाल मुजफ्फरनगर में भी रहा। वहां से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान प्रत्याशी हैं। पहले चरण में औसत मतदान 61.11 प्रतिशत रहा, लेकिन संजीव बालियान की सीट पर 59.13 प्रतिशत वोट पड़े। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र वाराणसी, राहुल गांधी के क्षेत्र रायबरेली, मेनका गांधी के क्षेत्र सुल्तानपुर, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के क्षेत्र मिर्जापुर, धर्मेंद्र यादव के क्षेत्र आजमगढ़ में वोटिंग संबंधित चरणों के औसत से तो ज्यादा रही, लेकिन 60 फीसदी तक नहीं पहुंच सकी। अलबत्ता, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सीट कन्नौज, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की सीट चंदौली, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी की सीट महराजगंज, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की सीट लखीमपुर खीरी में मतदान 60 प्रतिशत से अधिक रहा। इन चारों सीटों पर मतदान उन चरणों के औसत मतदान से अधिक रहा।

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