साल 2023 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पाटन सीट सबसे ज्यादा हाईप्रोफाइल है। राज्य के सीएम भूपेश बघेल पाटन विधानसभा से उम्मीदवारी करते हैं। सीएम भूपेश ने इस बार पाटन विधानसभा से अपना नाम दावेदार के तौर पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में जमा किया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम पाटन सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं बीजेपी ने मौजूदा लोकसभा सांसद विजय बघेल को टिकट दिया है।
पाटन विधानसभा का इतिहास
बता दें कि पाटन विधानसभा सीट दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है। फिलहाल इस संसदीय क्षेत्र से भाजपा के विजय बघेल सांसद हैं। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल इस सीट पर मौजूदा समय में विधायक हैं। साल 2018 के चुनाव में सीएम भूपेश बघेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मोतीलाल साहू को बड़े अंतर से हराया था। पाटन सीट पर कभी बीजेपी तो कभी कभी कांग्रेस का कब्जा रहा है।
वहीं अगर इस सीट के इतिहास की बात करें, तो साल 2003 से लेकर 2018 तक तीन बार कांग्रेस और एक बार भाजपा के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से हर बार भूपेश बघेल को ही प्रत्याशी चुना गया है। जबकि बीजेपी ने तीन बार इस सीट से विजय बघेल पर भरोसा जताया था। साल 2008 में विजय बघेल ने भूपेश बघेल को हरा दिया था। इसके बाद दो बार के चुनावों में लगातार सीएम भूपेश बघेल ने जीत हासिल की।
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जानिए साल 2018 के नतीजे
पाटन विधानसभा क्षेत्र में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 82.93 प्रतिशत वोट पड़े थे। साल 2018 में कांग्रेस के प्रत्याशी भूपेश बघेल ने बीजेपी के प्रत्याशी मोतीलाल साहू को 27 हजार 477 वोटों के अंतर से हराया था। साल 2018 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर थी। कांग्रेस प्रत्याशी बघेल को 84,352 वोट मिले। वहीं बीजेपी प्रत्याशी साहू को 56 हजार 875 वोट मिले।
कितने हैं वोटर्स
पाटन विधानसभा में मतदाताओं की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 90 हजार 384 मतदाता हैं। जिनमें से 95 हजार 835 पुरुष वोटर्स और 94 हजार 549 महिला वोटर्स हैं। पाटन विधानसभा में 46 फीसदी मतदाता पिछड़े वर्ग का है। इस कारण यहां पर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला पिछड़ा वर्ग के मतदाता ही करते हैं। इस विधानसभा में ओबीसी वोटर्स की संख्या ज्यादा है। इस सीट पर साहू और कुर्मी वोटर्स की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा इस सीट पर अन्य पिछड़ा वर्ग, सतनामी और सामान्य वर्ग के वोटर्स भी हैं।
पाटन विधानसभा के मुद्दे
पाटन विधानसभा सीएम बघेल का विधानसभा क्षेत्र होने की वजह से लोगों को उम्मीद थी कि इस क्षेत्र में बरसों से चली आ रही समस्या से छुटकारा मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जनता ने प्रदेश बघेल पर भरोसा जताया और वह राज्य के मुखिया भी बने। लेकिन कुछ समस्याएं ऐसी भी थीं, जो ना तो इन्हें बीजेपी दूर कर पाई और ना ही कांग्रेस। इस विधानसभा में कई गावों में क्रेशर खदान हैं। जिसके कारण वहां पर अक्सर ब्लास्टिंग होती हैं, जिसके कारण मकानों में दरारें पड़ जाती हैं।
काफी शिकायतों के बाद भी इन खदानों को बंद नहीं किया गया। वहीं भूमि का जलस्तर क्रेशर खदानों के कारण नीचे चला गया है। जिसकी वजह से गर्मी के दिनों में किसानों के साथ ही पीने और सिंचाई के लिए भी लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं प्रदूषण के कारण भी गावों में कई गंभीर बीमारियां फैली हैं। युवाओं के लिए क्षेत्र में रोजगार के साधन नहीं हैं। इसके अलावा अवैध खनन और अवैध लकड़ी कटाई का काम भी क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा है।