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Ajit Pawar की रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने बचाई साख, विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना होगी बड़ी चुनौती

महाराष्ट्र के 48 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक रायगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जहां इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार गुट के सुनील तटकरे ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। 2002 को गठित भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में यह संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया। यहां पहली बार 2009 में संसदीय चुनाव संपन्न हुए। इस क्षेत्र पर मराठाओं ने लंबे समय तक राज किया। यहां की एक पहाड़ी पर रायगढ़ दुर्ग को छत्रपति शिवाजी ने बनवाया था। छत्रपती शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भी यहीं पर हुआ था।
रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र महाराष्ट्र के रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों के तहत ही आता है। जो पेन, अलीबाग, श्रीवर्धन, महाड़, दापोली और गुहागर विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। 2019 में हुए अंतिम विधानसभा चुनाव में चार सीट पर शिवसेना ने जीत हासिल की थी। इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस भी अपना खाता खोलने में कामयाब रही थी। रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र की पेन विधानसभा सीट पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ़ इंडिया का मजबूत गढ़ मानी जाती है। जिस पर पार्टी के नेता मोहन महादेव पाटिल ने 1980 से लेकर 1999 तक लगातार पांच बार जीत हासिल की थी। इसके बाद 2004 में रवि सेठ पाटिल यहां से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। 
हालांकि, पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी ने 2009 और 2014 में भी यहां से जीत दर्ज की थी। वर्तमान में बीजेपी के टिकट पर रविशेठ पाटिल ने अंतिम चुनाव में जीत हासिल की थी। इस लोकसभा क्षेत्र की अलीबाग विधानसभा सीट भी पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया का मजबूत गढ़ मानी जाती है। जहां पार्टी ने 1978 से लेकर 2004 तक एकछत्र राज किया है। वर्तमान में शिवसेना शिंदे गुट के नेता महेंद्र दलवी यहां से विधायक हैं। उन्होंने सुभाष पाटिल को हराकर जीत दर्ज की थी। महाराष्ट्र राज्य के गठन के साथ ही 1962 से अस्तित्व में आए श्रीवर्धन विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने अब तक बीजेपी के अलावा सभी पार्टियों को जीतने का मौका दिया है। वर्तमान में अजित पवार के गुट वाली शिवसेना का यहां 15 साल से कब्जा है जिसकी नेता अदिति तटकरे फिलहाल इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। 2009 के पहले शिवसेना भी यहां लगातार चार बार चुनाव जीत चुकी है। 
रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र का महाड़ विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र में शिवसेना के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक माना जाता है। जहां पार्टी 1990 के बाद से अब तक सिर्फ 2004 में एनसीपी के खिलाफ चुनाव हारी थी। इस सीट पर एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना के भरतशेठ गोगावले लगातार 15 साल से विधायक हैं। इस लोकसभा क्षेत्र की दापोली विधानसभा सीट भी शिवसेना की महाराष्ट्र में सबसे मजबूत पकड़ वाली सीटों में से एक है। जहां से सूर्यकांत दलवी 1990 से लेकर 2014 तक लगातार पांच बार विधायक चुने गए थे। हालांकि, 2014 में यहां एनसीपी जीतने में कामयाब रही थी। लेकिन 2019 के चुनाव में एक बार फिर से शिवसेना के योगेश कदम ने वापसी करते हुए जीत हासिल की थी। महाराष्ट्र राज्य की विधानसभा में 264 नंबर से जाने जानी वाली गुहागर विधानसभा सीट पर भाजपा ने एक समय तक अपना दबदबा बनाकर रखा था। पार्टी यहां 1980 से लेकर 2004 तक लगातार चुनाव जीती थी, लेकिन उसके बाद वर्तमान में उद्धव ठाकरे के गुट में शामिल और पूर्व एनसीपी नेता भास्कर जाधव पर इस क्षेत्र के मतदाता 2009 के बाद से भरोसा जताते चले आ रहे हैं।

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