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भारत और चीन के बीच रिश्तों में एक बार फिर से आई गर्मजोशी? डोभाल के बाद अब विदेश सचिव करेंगे बीजिंग की यात्रा

भारत और चीन के बीच रिश्तों में एक बार फिर से गर्मजोशी देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बीजिंग में मुलाकात हुई। वहीं अब विदेश सचिव विक्रम मिस्री इस महीने के अंत में चीनी उप विदेश मंत्री के साथ बातचीत करने के लिए चीन का दौरा करेंगे। मिस्री की यात्रा वीजा, डॉयरेक्ट फ्लाइट फिर से शुरू करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विघटन में एक बड़ी सफलता के बाद आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित होगी। ये यात्रा दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव कम करने के हालिया प्रयासों की अगली कड़ी है।

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सैन्य गश्त से संबंधित समझौता
दोनों देशों ने लद्दाख क्षेत्र में अपनी विवादित सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अक्टूबर 2024 में, दोनों देश एलएसी पर सैन्य गश्त से संबंधित एक समझौते पर सहमत हुए। भारत-चीन सीमा मुद्दे में एक बड़े घटनाक्रम में चीनी सैनिक लद्दाख के वाई जंक्शन और राकी नाला के देपसांग क्षेत्र से पीछे हट गए। 12 सितंबर को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में अजित डोभाल और वांग यी की मुलाकात हुई थी। माना जा रहा है कि इसी मुलाकात के दौरान अक्टूबर में एलएसी पर हुए डिसइंगेजमेंट का फ्रेमवर्क तैयार किया गया था।

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एनएसए डोभाल की चीन यात्रा
अजित डोभाल  भारत-चीन विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में भाग लेने के लिए 17 दिसंबर को चीन की यात्रा पर गए थे। चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद पर चर्चा के लिए पिछले साल दिसंबर में बीजिंग में मुलाकात की थी। उन्होंने विवादित सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से सहमत समाधान खोजने का वादा किया। इससे पहले अगस्त 2019 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन का दौरा किया था। लेकिन उसके बाद से गलवान हिंसा ने रिश्तों में कड़वाहट घोल दी थी। 
कज़ान में मोदी-शी की मुलाकात
ब्रिक्स देशों के कज़ान शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी ने द्विपक्षीय वार्ता की। इसके बाद विदेश मंत्री और विशेष प्रतिनिधि स्तर पर चर्चा हुई।

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