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लोकसभा चुनाव की चुनाव यात्रा के दौरान प्रभासाक्षी की टीम बारामती संसदीय क्षेत्र में पहुंची। जहां शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के बीच मुकाबला है। हमारे एडिटर नीरज कुमार दुबे ने बारामती पहुंचकर मतदाताओं से बात की है।
दोनों प्रत्याशियों के कार्यालयों का दौरा करने पर पता चला कि कार्यकर्ता और समर्थकों की ज्यादा भीड़ अजित पवार वाले कार्यालय में थी। जबकि दूसरी ओर सुप्रिया सुले के कार्यालय में लोगों की भीड़ नदारत थी। चुनाव में सुनेत्रा पवार का चुनाव चिन्ह एनसीपी का वास्तविक चुनाव चिन्ह घड़ी है। तो वहीं सुप्रिया सुले को तुरही चुनाव चिन्ह के रूप में मिली है। ऐसा कहा जा रहा है कि बारामती के मतदाता भी घड़ी से ज्यादा परिचित हैं क्योंकि यह एनसीपी का पुराना चुनाव चिन्ह है। स्थानीय एनसीपी नेता शब्बीर नूर मोहम्मद शेख ने कहा कि अजित दादा सब समाज के नेता है और वह हर जाति और वर्ग को साथ लेकर चलते हैं। वे सभी कार्यकर्ताओं को समान दृष्टि से देखते हैं और सभी के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं।
उन्होंने कहा कि 30-35 साल में अजित दादा ने कभी भी किसी कार्यकर्ता या स्थानीय निवासियों के साथ भेदभाव नहीं किया और हर वर्ग का विकास किया है। अजित दादा ने कभी भी अमीर-गरीब और छोटे-बड़े का भेद नहीं किया। इसलिए लगभग 80% मतदाता अजित पवार के समर्थन में ही मतदान करेंगे। एक अन्य कार्यकर्ता ने एनसीपी और एनडीए के गठबंधन पर कहा कि हम जमीन पर कार्य करने वाले कार्यकर्ता हैं यह हमारे हाई कमान का आदेश है इसलिए जमीन पर एनडीए और एनसीपी के सभी कार्यकर्ता दिल से मेहनत कर रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के किसी भी बयान या चिट्ठी के संदेश पर बचते नजर आए।
एनसीपी के एक दूसरे कार्यकर्ता ने कहा कि अजित पवार एक विचार हैं और दादा किसी भी काम को लेकर ना नहीं करते। उन्होंने कहा कि क्षेत्र और राज्य में अजित दादा का काम बोल रहा है। कार्यालय में मौजूद दूसरे लोगों ने कहा कि अजित दादा और सुनेत्रा दीदी पैदा इसी राजनेता है इसलिए उनको राजनीति की अच्छी समझ है। दोनों लोगों को सिर्फ गरीब, पिछड़ों और निचले तबकों के लोगों की मदद करना ही आता है उन्हें सामने वाले प्रतिद्वंद्वी से कोई फर्क नहीं पड़ता। क्षेत्र में एक नारा भी प्रसिद्ध हो रहा है ‘जिनका नाम दादा, वो करते पूरा वादा।’
स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा कि दादा ने अल्पसंख्यक वर्ग को लोन दिलवाने के लिए 600 करोड रुपए की नदी का भी इंतजाम किया है। लोगों ने दावा किया कि यह विजय अजित दादा के काम की और लोगों के उनके प्रति भरोसे की होगी। इसके अलावा लोगों ने कहा की सुनेत्रा जी ने ग्रामीण अंचलों में लोगों को और महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार दिया है इसलिए इस बार जनता का मुद्दा सिर्फ और सिर्फ विकास ही है। दूर-दराज के इलाकों में लोगों को पता है कि विकास सिर्फ अजित दादा ही कर सकते हैं इसलिए उनकी जीत सुनिश्चित है। दूसरे पार्टी समर्थक ने कहा कि दादा की वजह से हमें प्रचार करने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है क्योंकि मतदाता स्वयं कहते हैं कि दादा ने इतने सालों में जो काम किया है तो हम उन्हें बिना मांगे ही वोट देंगे।
बारामती क्षेत्र के गन्ना किसानों को भी उनकी लागत से कई गुना ज्यादा पैसा अजित दादा ने दिलवाया है। जिससे किसानों की आमदनी भी कई गुना बढ़ी है। लोगों ने यहां तक कहा कि बारामती का विकास देखकर कभी-कभी उन्हें लगता है कि वे सिंगापुर में रह रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने पिछले 60 सालों में जितने हाईवे नहीं बनवाये थे, उसके दुगने लम्बे नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में बना दिए हैं। इसलिए हमें अजित दादा और नरेंद्र मोदी दोनों लोग चाहिए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी बाबा साहब के बनाये संविधान का सबसे ज्यादा अनुकरण करते हैं और उसी के अनुसार सरकार चलाते हैं। विपक्ष द्वारा लगाए गए संविधान बदलने के आरोप निराधार हैं। क्षेत्र के लोग राम मंदिर बनाने के लिए भी नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर रहे हैं कि उन्होंने इतनी बड़ी समस्या को छुटकियों में हल कर दिया।