केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि वह आम आदमी पार्टी (आप)नेता मनीष सिसोदिया और अन्य से संबंधित कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के मामले में नया पूरक आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया में है।
केंद्रीय एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश एम.के.नागपाल की अदालत में यह जानकारी तब दी, जब उन्होंने पूछा कि क्या मामले में आरोप तय करने के लिए दलील रखने की तारीख तय की जा सकती है।
सीबीआई ने न्यायाधीश के सवाल का नकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि मामले की अभी जांच चल रही है। एजेंसी ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
मामले में आरोपी हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई का पक्ष रख रहे अधिवक्ता नीतेश राणा ने भी अदालत से कहा कि आरोप तय करने के लिए दलील रखने की तारीख तय नहीं की जाए, क्योंकि सीबीआई द्वारा आरोपी को दिए गए दस्तावेजों के सत्यापन का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है।
न्यायाधीश ने इस बीच अदालत में पेश किए गए सिसोदिया के आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र पटपड़गंज में विकास कार्य के लिए विधायक निधि से धन जारी करने का अनुरोध किया था।
सिसोदिया के आवेदन का सीबीआई ने भी विरोध नहीं किया।
सीबीआई के मुताबिक, पिल्लई भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षदके.कविता का करीबी है।
कविता तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी हैं और इस मामले में जांच एजेंसी ने उनसे पूछताछ की है।
सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव करने में अनियमितता की गई और इसके जरिये लाइसेंस धारकों को अनुचित फायदा पहुंचाया गया।
दिल्ली सरकार ने विवादित आबकारी नीति को 17 नवंबर 2021 में लागू किया था, लेकिन दिल्ली के उप राज्यपाल द्वारा ‘नियमों के उल्लंघन’ की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश के बाद आप सरकार नेजुलाई 2022 में उस नीति को वापस ले लिया।
सिसोदिया उस समय आबकारी मंत्री थे और इस मामले में इस साल फरवरी से ही जेल में हैं।