बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में एक बहस के दौरान अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का जिक्र करते हुए राजद नेता और अपने पूर्व डिप्टी तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में विधानसभा में बोलने के लिए कुमार के खड़े होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने यादव पर पलटवार किया, “बिहार में पहले क्या था? वह मैं ही था जिसने आपके (तेजस्वी यादव) पिता को बनाया। यहां तक कि आपकी जाति के लोग भी मुझसे पूछ रहे थे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, लेकिन मैंने फिर भी उनका समर्थन किया।”
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दूसरी ओर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने राज्य विधान परिषद के समक्ष आरोप लगाया कि उनके पति एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कोई गलत काम नहीं किया इसके उन्हें बावजूद सजा मिली। उच्च सदन में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग की तरफ से हर दूसरे दिन नोटिस मिलने की भी शिकायत की। सदन के भीतर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता एवं विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) नीरज कुमार की ओर रुख करते हुए कहा, ‘‘आपको लालू जी पर निशाना साधना और उन्हें जेल में रहने के दौरान दिए गए कैदी नंबर से बुलाना बहुत पसंद है। लालू जी को बिना कुछ गलत किए सजा मिली।’’
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चारा घोटाले में आरोपपत्र दाखिल होने के कारण राजद प्रमुख को 1997 में मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा और अपनी पत्नी को कमान सौंपनी पड़ी थी। प्रसाद को 2013 में चारा घोटाले के एक मामले में दोषी ठहराया गया था और उसके बाद से उन्हें कई अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया है। रेल मंत्री रहने के दौरान राजद प्रमुख के कार्यकाल में ‘‘जमीन के बदले नौकरी’’ तथा होटल घोटाला मामले में वह और उनके परिवार के अन्य सदस्य वर्तमान में ईडी के रडार पर हैं। राबड़ी देवी ने जद(यू) नेता पर यह टिप्पणी करते हुए भी कटाक्ष किया, ‘‘आप लोग ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के डर में जीते हैं। हमें देखिए, हमें हर दूसरे दिन इन एजेंसियों द्वारा नोटिस दिए जाते हैं। लेकिन हम बिना किसी डर के बिहार में रह रहे हैं और काम कर रहे हैं।’’