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पश्चिम बंगाल सरकार को गंगा सागर मेले में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

इस साल कुंभ मेला नहीं होने के कारण पश्चिम बंगाल सरकार को अगले सप्ताह आयोजित वार्षिक गंगासागर मेले में बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है और उसने इसकी सफल मेजबानी के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
‘मकर संक्रांति’ के अवसर पर लाखों हिंदू तीर्थयात्री गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर डुबकी लगाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों और बाहर से सागर द्वीप में इकट्ठा होते हैं।

दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी सुमित गुप्ता ने कहा कि मेला स्थल की सुरक्षा की निगरानी के लिए पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा, जो सैटेलाइट फोन, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल करेंगे।
गुप्ता ने पीटीआई-से कहा, ‘‘चूंकि इस साल कोई कुंभ मेला नहीं है, इसलिए हम गंगासागर मेले में भारी भीड़ जुटने की उम्मीद कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि जहां पिछले साल 15.5 लाख तीर्थयात्री गंगा सागर मेले में आए थे, वहीं आठ से 16 जनवरी के बीच यह आंकड़ा 60-70 लाख तक पहुंच सकता है, जब इस साल मेले का आयोजन किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और शांति भंग करने के किसी भी प्रयास से निपटने के लिए प्रशासन ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और निरीक्षकों के अलावा कम से कम 5,000 पुलिस कर्मियों और 2,000 नागरिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर क्षेत्र की निगरानी के लिए 22 ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेले में जाने वाले सभी जहाजों की जांच की जाएगी और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मेला में आने वाले लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए हम पिलग्रिम ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (पीटीएमएस) का इस्तेमाल करेंगे। इसके बाद सूचना नियंत्रण कक्ष को भेजी जाएगी।’’ पीटीएमएस के तहत बसों, एंबुलेंस, जहाजों और नौकाओं में ‘जीपीएस ट्रैकर’ लगाए जाएंगे।

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