भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह अब कोर्ट की शरण में पहुंच गए है। उन पर पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद बृजभूषण ने दिल्ली हाईकोर्ट में पहलवानों के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में पहलवानों को आरोपी बताते हुए उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को चुनौती दी गई है।
इस मामले में याचिका दायर कर कहा गया कि पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के कानून का दुरुपयोग किया गया है। खिलाड़ी का यौन उत्पीड़न होने पर उन्हें सीधे कानून या कोर्ट की शरण लेनी चाहिए। याचिका में कहा गया कि जो भी पहलवान जंतर मंतर पर धरना देने बैठे थे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। इस मामले पर याचिका दायर करने वाले वकील शारिकसंत प्रसाद का कहना है कि विक्की नाम के शख्स ने ये याचिका दाखिल की है, जो बृजभूषण शरण सिंह का कुक है।
सम्मान किया धूमिल
याचिका में कहा गया कि पहलवानों ने अपने हितों के लिए अध्यक्ष के पद पर बैठे व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम किया है। पहलवानों ने सार्वजनिक रूप से महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। ऐसे आरोपों से अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की प्रतिष्ठा और सम्मान पर असर हुआ है।
बृजभूषण ने की खास अपील
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के तौर पर आरोपों से घिरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सोशल मीडिया पर अपने शुभचिंतकों और समर्थकों से गैरवाजिब टिप्पणियों से दूर रहने का अनुरोध किया है। सिंह ने अपने हैंडल से किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा अनुरोध, सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक स्लोगन, ग्राफ़िक्स, हैशटैग की जानकारी मिली है। ऐसा कुछ भी जिससे किसी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, सम्प्रदाय या जाति-धर्म की गरिमा को नुकसान पहुंचे, उसके प्रति मेरी असहमति है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा और मैं ऐसे पोस्ट और ट्रेंड्स का खंडन करता हूं। मैं दल से बड़ा नहीं हूं, मेरा समर्पण मेरी निष्ठा प्रामाणिक है। मेरे शुभचिन्तक और समर्थक कृपया ऐसे पोस्ट से दूर रहें, लाइक तो क्या कुछ कमेंट भी न करें।
जानें क्या है मामला
गौरतलब है कि 18 जनवरी 2023 को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत 30 से ज्यादा पहलवान जंतर मंतर पर धरना देने बैठे थे। सभी पहलवानों का आरोप था कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच मिलकर खिलाड़ियों का यौन शोषण और मानसिक शोषण करते है। पहलवानों ने एकमत होते हुए आरोप लगाए थे कि महासंघ नए नियमों की आड़ में खिलाड़ियों का उत्पीड़न कर रहा है।