Breaking News
-
उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) चुनाव के लिए प्रचार मंगलवार शाम पांच बजे समाप्त…
-
युद्धविराम लागू होने के कुछ दिनों बाद, इज़राइल के शीर्ष जनरल लेफ्टिनेंट जनरल हर्ज़ी हलेवी…
-
हम सब भारत के संविधान की कसमें तो खूब खाते हैं या लोगों को खाते…
-
14-15 अगस्त की दरमियानी रात को जब आधी दुनिया सो रही थी तो हिन्दुस्तान अपनी…
-
ये भारत की आजादी से कुछ हफ्ते पहले की बात है, पंडित जवाहरलाल नेहरू बीआर…
-
आज़ादी के बाद की पहली जनगणना पर बहस में इस बात पर चर्चा शामिल थी…
-
आखिर बीआर आंबेडकर संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष भर थे तो संविधान बनाने…
-
एआईसीसी महासचिव और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह, उनके भाई लोकसभा…
-
किसी भी सभ्य समाज के संचालन के लिए कुछ नियम कायदों की जरूरत होती है।…
-
26 जनवरी आने वाली है और गणतंत्र दिवस मनाएंगे। देश का 75वां गणतंत्र दिवस। क्या…
दिल्ली के जंतर मंतर पर तीन दिनों तक चले प्रदर्शन में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए है। इन आरोपों में यौन उत्पीड़न से लेकर मानसिक प्रताड़ना किए जाने के आरोप भी शामिल है। इन आरोपों के साथ ही पहलवानों ने अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग भी की है। खेल मंत्रालय के लगातार प्रयासों के बाद ये धरना खत्म हुआ है मगर मामला अब भी चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सरकार ने सात सदस्यीय समिति का गठन किया है।
WFI अध्यक्ष ने खारिज किए आरोप
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि खेल निकाय में ‘मनमानेपन और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है’। डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय को अपने जवाब में कहा कि डब्ल्यूएफआई का प्रबंधन उसके संविधान के अनुसार एक निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाता है, ऐसे में डब्ल्यूएफआई में अध्यक्ष सहित किसी एक द्वारा व्यक्तिगत रूप से मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है।
इसमें कहा गया कि डब्ल्यूएफआई ने विशेष रूप से, मौजूदा अध्यक्ष की देखरेख में हमेशा पहलवानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती खेल की छवि को बढ़ाया है और इस मंत्रालय के रिकॉर्ड के लिए यह बताना जरूरी है कि यह डब्ल्यूएफआई के निष्पक्ष, सहायक, स्वच्छ और सख्त प्रबंधन के बिना यह संभव नहीं है। बता दें कि विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया जैसे प्रसिद्ध पहलवानों के आरोप लगाने के बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से 72 घंटे के अंदर जवाब मांगा था।
महासंघ से रहेंगे दूर
जानकारी के मुताबिक भारतीय ओलंपिक समिति द्वारा गठित की गई सात सदस्यीय समिति को एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की पुष्टि हो सकेगी। वहीं ये भी कहा गया है कि जब तक जांच पूरी नहीं होगी तब तक बृजभूषण शरण सिंह खुद को महासंघ से दूर रखेंगे।
संघ ने खेल मंत्रालय को दी ये जानकारी
वहीं खेल मंत्रालय ने इस मामले में 72 घंटे के भीतर संघ से जवाब दाखिल करने को कहा था। इसे लेकर ने भी साफ किया है कि संघ अपने संविधान के मुताबिक कार्य करता है। अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य द्वारा संघ के कार्यों में मनमानी नहीं की जा सकती है।
कुश्ती महासंघ ने दावा किया कि तीसरी बार अध्यक्ष चुने जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह की अगुवाई में कई कीर्तिमान स्थापित हुए है। महासंघ में भी यौन उत्पीड़न संबंधित मामलों की शिकायत की सुनवाई करने के लिए समिति बनी हुई है। इस समिति के पास कभी यौन उत्पीड़न की शिकायत किसी की तरफ से नहीं दी गई है।