केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवात बिपारजॉय के पश्चिमी तट पर पहुंचने के मद्देनजर उठाए गए एहतियाती उपायों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वर्षों से किए गए कार्यों का उल्लेख किया। गृह मंत्री ने कहा, हालांकि, वे संतुष्ट नहीं हो सकते क्योंकि हाल के वर्षों में आपदाओं ने अपना रूप बदल लिया है और उनकी आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हुई है। वहीं केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कच्छ में चक्रवाती तूफान बिपरजोय की तैयारियों का जायजा लेने के लिए कांडला पोर्ट का दौरा किया।
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चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के गुजरात के कच्छ जिले की ओर बढ़ने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि राशन और भोजन की व्यवस्था के साथ आश्रय गृह स्थापित किए जा रहे हैं वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। मांडविया ने कहा कि बंदरगाहों पर काम करने वाले सभी मजदूरों को वहां से हटा दिया गया है, जहाजों के लंगर डाल दिए गए हैं और चालक दल के सदस्यों को भी सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
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चक्रवात बिपरजोय पर आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 15 जून की शाम के आसपास यह चक्रवात सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के तटीय इलाके को पार करेगा। उस समय इसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा रहेगी, इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। 14 और 15 जून को भारी बारिश होगी। वहीं कच्छ के कोंडला पोर्ट के अध्यक्ष एसके मेहता का कहना है कि यह कांडला पोर्ट का विस्तार है, हमने इसे पूरी तरह खाली करा दिया है। यहां 1500-2000 लोग रहते थे, हमने उन्हें गोपालपुर और गांधीधाम के शरण स्थल भेजा है। कुछ लोग अपने गांव जाना चाहते थे हमने उनके लिए बस की व्यवस्था की। कोई जनहानि नहीं हुई है।