एक बड़े घटनाक्रम में, विपक्षी दलों के भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) ब्लॉक ने गुरुवार को 14 टीवी समाचार एंकरों का बहिष्कार करने का फैसला किया। इसके बाद से लगातार प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल उठने शुरू हो गए। सत्तारूढ़ भाजपा ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि नेताओं ने कथित भड़काऊ और सांप्रदायिक डिबेट शो को लेकर इन एंकरों और समाचार चैनलों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है और यह भी कहा है कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि वे देश को वास्तविक मुद्दों से भटका रहे हैं। इसको लेकर आज पूरे दिन राजनीति जारी रही।
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इसी को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई से सवाल पूछा गया। गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन पत्रकारों के साथ हैं, जो पत्रकारिता कर रहे हैं। बार-बार राहुल गांधी कहते हैं कि आप डरिए मत, हमें पता है आप पर बहुत दबाव है, हम आपके साथ हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन वे कुछ लोग जो भाजपा के मीडिया सेल के व्हाट्सऐप ग्रुप में हैं और दिन-रात देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। नफरत फैलाना IPC की धारा 153 के अनुसार जुर्म है और इसमें हम उन लोगों का सहयोग नहीं करना चाहते। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र की रक्षक है। मीडिया की भूमिका सरकार की गलती को सुधारने की है।
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केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इसी तरह मीडिया विपक्ष को उनकी बात रखने के लिए समर्थन करता था। लेकिन दुर्भाग्य से मीडिया के कुछ लोग सरकार का समर्थन और विपक्ष को ध्वस्त कर रहे हैं…यह मोदी सरकार के लिए प्रायोजित पत्रकारिता है, इसीलिए INDIA गठबंधन ने यह निर्णय लिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेविभिन्न समाचार चैनलों के 14 एंकर का बहिष्कार करने के विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘इंडिया’ के फैसले को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि मीडिया या किसी अन्य संस्थान से दूर रहने से उसे कोई फायदा नहीं होगा बल्कि वह राहुल गांधी का बहिष्कार करे तो पार्टी को फायदा हो सकता है क्योंकि उनके पास ताकत नहीं है।