डॉन से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ के हमलावरों के पास तुर्की जिगाना एफ सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल थी, जो 9 एमएम की 15 राउंड गोलियां दाग सकती हैं। हत्यारों लवलेश तिवारी, मोहित सिंह और अरुण मौर्य ने शनिवार रात प्रयागराज में दोनों की गोली मारकर हत्या करने के तुरंत बाद अपने हथियार फेंक दिए और आत्मसमर्पण कर दिया। बता दें कि अतीक अहमद और भाई अशरफ की हत्या में इस्तेमाल अत्याधुनिक जिगाना पिस्तौल ज़िगाना तुर्की में निर्मित एक सेमी ऑटोमैटिक पिस्तौल है। जिगाना निर्मित पिस्तौल का इस्तेमाल अतीक और अशरफ की हत्या में किया गया था, जिन्हें भारत में अवैध और प्रतिबंधित माना जाता है। इन पिस्टल की कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपए है। लवलेश तिवारी करीब 6 महीने पहले जेल से छूटा था। हमीरपुर के रहने वाले सन्नी के बड़े गिरोह और गैंगस्टरों से संबंध हैं।
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हत्या के एक दिन बाद उनके हथियारों की मारक क्षमता की खूब चर्चा हो रही है। टीआईएसएएस द्वारा निर्मित तुर्की की आग्नेयास्त्र निर्माण कंपनी पर भारत में पिस्तौल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन ऐसा लगता है कि यह गैंगस्टरों के लिए हथियार का पसंदीदा विकल्प बन गया है। एक बैलिस्टिक विशेषज्ञ ने कहा कि यह अत्यधिक सटीक होने के लिए जाना जाता है, अन्य पिस्तौल की तुलना में कम वजन का होता है और इसकी ग्रिपिंग की वजह से इसे पकड़ना आसान और शूट करने के लिए आरामदायक बनाती है। ज़िगाना सुचारू रूप से फायर करता है और पूरी मैगजीन को बिना किसी गड़बड़ी के खाली किया जा सकता है।
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अतीक की हत्या में प्रयोग हुए इस हथियार का पाकिस्तान से भी खासा कनेक्शन है। भारत में पिस्तौल बैन है लेकिन रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि इसे पाकिस्तान के रास्ते लाया जाता है। टर्किश डिफेंस डेली की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की लोकल वर्कशॉप पर इसे बनाया जाता है और जिगाना के मॉडल्स को गैरकानूनी तरीके से बेचा जा रहा है। इन्हें बिल्कुल ऐसे तैयार किया जा रहा है कि ये ओरिजिनल लगे और फिर कम दामों में इसे बेचा जा रहा है।