पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहाँ शेख और उसके आदमी युवा विवाहित महिलाओं को कैद में रखते हैं और जब तक वह पापी संतुष्ट नहीं हो जाते तब तक उनके साथ बलात्कार करते हैं। यह जघन्य अपराध सभ्य समाज के माथे पर बहुत बड़ा कलंक और पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर बहुत बड़ा सवालिया निशान है। ममता बनर्जी के शासन में बंगाल आज किस स्थिति में पहुँच गया है कि दुर्गा के रूप में पूजी जाने वाली महिला के साथ इस तरह का जघन्य अपराध होता है और मुख्यमंत्री खामोश रहती हैं। कहने को दो चार लोगों की गिरफ्तारी कर ली गयी है लेकिन सवाल यह है कि आखिर असली गुनाहगार कब तक सलाखों के पीछे होंगे या कब उन्हें उनके किये की सजा मिलेगी? सवाल यह है कि क्या जिन महिलाओं की अस्मिता उनके घरवालों के सामने तार-तार की गयी क्या उन्हें कभी न्याय मिल पायेगा? वैसे बंगाल में न्याय की उम्मीद लगाना भी अब बेमानी-सा हो चला है क्योंकि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद जो राजनीतिक हिंसा शुरू हुई थी उसका सर्वाधिक दंश भी महिलाओं को ही झेलना पड़ा था और आज तक वह न्याय मिलने की उम्मीद में दिन काट रही हैं।
संदेशखाली में जो कुछ हुआ उसकी संवेदनशीलता को देखते हुए उच्च न्यायालय ने मामले का स्वतः संज्ञान ले लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का दल भी घटनास्थल पर जाकर महिलाओं से मिलेगा। राज्यपाल संदेशखाली होकर आ गये हैं मगर अभी मुख्यमंत्री को वहां जाने का समय नहीं मिला है। लेकिन बंगाल की स्थितियों को देखते हुए अब यह मायने नहीं रखता कि कौन घटनास्थल पर गया या कौन नहीं, क्योंकि इससे पहले की घटनाओं के समय भी तमाम नेता और अधिकारी घटनास्थल पर होकर आ गये लेकिन पीड़ितों को न्याय नहीं दिला सके।
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यहां एक और बात हैरत भरी है कि बंगाल में अन्याय के शिकार लोगों के लिए न्याय मांगने वाले भी अन्याय के शिकार हो रहे हैं। संदेशखाली की महिलाओं के लिए न्याय की मांग कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर बशीरहाट में पुलिस ने जिस तरह बल का प्रयोग किया वह लोकतंत्र नहीं तानाशाही को दर्शाता है। सवाल उठता है कि पीड़िताओं के साथ खड़ी ना होकर के तृणमूल कांग्रेस उन लोगों का साथ क्यों दे रही है जिन्होंने यह घिनौना अपराध किया है? ऐसे तो भाजपा के उस आरोप में दम नजर आता है जिसके तहत पार्टी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपराधी शाहजहां शेख को बचाना चाहती हैं और वह बंगाल में हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार को बढ़ावा दे रही हैं।