महाकुंभ में भगदड़ को लेकर राजनीति के बीच, लोकसभा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने एक विवादास्पद बयान देते हुए राजनेताओं और धनी व्यक्तियों से मोक्ष प्राप्त करने के लिए महाकुंभ में मरने की कामना की। यादव ने कहा कि एक बाबा ने कहा है कि जो कुंभ में मरे हैं उन्हें मोक्ष मिल गया। मैं चाहता हूं कि बाबा और नागा और जो नेता और पैसे वाले लोग वहां जाते हैं उनको डुबकी लगाकर मर जाना चाहिए ताकि इन लोगों का कल्याण हो जाए और ये मोक्ष में चले जाए। मैं चाहता हूं कि ऐसे बाबाओं को मोक्ष में चले जाना चाहिए।
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इस पर पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पप्पू जी, बाबाओं को आशीर्वाद दे रहे हैं। बिहार के पूर्णिया से लोकसभा सदस्य यादव ने कहा कि नेहरू जी के समय महाकुंभ में लोग मरे थे तो गिनती हुई थी। लेकिन इस बार वहां लोगों का कहना है कि 300 से 600 लोगों की मौत हुई है। यह मेरा नहीं कहना है। उनको हिंदू रीति से नहीं जलाया गया है। इस पर पाल ने कहा कि यदि वह कोई बात कर रहे हैं तो उसका आधार होना चाहिए।
धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान, बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद ने आरोप लगाया कि 29 जनवरी की भगदड़ के 300-600 पीड़ितों को उचित हिंदू अंतिम संस्कार के बिना कुंभ क्षेत्र से हटा दिया गया था। हालाँकि, उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक आंकड़ों ने पुष्टि की है कि मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को दूसरे ‘अमृत स्नान’ के दौरान प्रयागराज में सुबह-सुबह मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए।
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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के मारे गए लोगों के आंकड़े छिपाए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को मांग की कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां विभिन्न व्यवस्थाएं सेना के हवाले की जाएं। यादव ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जिस तरह सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे तथा घायलों के इलाज, भोजन, परिवहन आदि का आंकड़ा संसद में पेश किया जाए।