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Uttarakhand में समान नागरिक संहिता कब से होगा लागू? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया यह जवाब

देश में समान नागरिक संहिता को लेकर लगातार चर्चा गर्म है। कुछ लोग समान नागरिक संहिता के पक्ष में बोल रहे हैं। तो कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने की बात कही थी। सरकार बनने के बाद उत्तराखंड में एक कमेटी का भी गठन किया गया। लेकिन सवाल यह है कि उत्तराखंड में कब से लागू किया जाएगा? इसी को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सवाल पूछा गया। पुष्कर सिंह धामी ने साफ तौर पर कहा है कि कुछ ही महीनों में ड्राफ्ट बनाकर हम इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। 
 

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अपने बयान में पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार सरकारों को कहा है कि समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इसमें आगे बढ़ गए है, कमेटी बना दी गई है और काम काफी आगे बढ़ गया है। कुछ ही महीनों में ड्राफ्ट बना कर हम इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। इसके अलावा पुष्कर सिंह धामी ने हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजों पर भी अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल चुनाव में वोटों में महज 0.9% का अंतर है। कांग्रेस पर उन्होंमने कहा कि उनकी सीटें ज्यादा जरूर हो गई हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि चुनाव एक तरफा हुआ है।
 

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आपको बता दें कि हाल में ही गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कहा था कि भाजपा सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं और बहसों के पूरा होने के बाद देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को प्रतिबद्ध है। अपने बयान में शाह ने कहा था कि न सिर्फ भाजपा ने, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उचित समय आने पर यूसीसी लागू करने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून, धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं? हर धर्म के व्यक्ति के लिए संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित एक ही कानून होना चाहिए। 

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