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चुनाव के ठीक पहले हरियाणा की बादली विधानसभा सीट पर कांग्रेस का सिरदर्द दूर हो गया है। इस सीट पर वर्तमान विधायक कुलदीप वत्स और पहलवान बजंरग पूनिया के बीच टिकट हासिल करने की जंग अंततः खत्म हो गई है। विधायक कुलदीप वत्स का जन्म 5 मई 1975 को हरियाणा के झज्जर जिले की बादली विधानसभा के सुरेहती गांव में हुआ था। वे एक सामान्य किसान परिवार से हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से ही पूरी की। छोटी उम्र से ही उनकी रुचि समाज सेवा और राजनीति के क्षेत्र में थी। इसके चलते वह अपने सामाजिक कार्यों के जरिए जनता से जुड़े रहे।
समाज सेवा करना और लोगों से बातचीत करना उनके जीवन का हिस्सा बन गया। 1990 में अपने निरंतर सामाजिक कार्यों और राजनीतिक रुचि के कारण वह कांग्रेस पार्टी के युवा कार्यकर्ता बन गए और पार्टी के कार्यों में हिस्सा लेने लगे। धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी की गतिविधियों में भाग लेने से लोगों के बीच उनकी पहचान बढ़ती गई। इसी दौरान उनकी मुलाकात हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हुई। जहां से उनकी जिंदगी में नया मोड़ आया और तब से वह राजनीति में काफी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। हुड्डा के आशीर्वाद से पार्टी में उनका कद बढ़ता गया। उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
वह सियासत की सीढ़ी चढ़ते गए और 2019 में पहली बार बादली सीट से विधायक बने। उन्होंने इस चुनाव में हरियाणा बीजेपी के दिग्गज नेता ओम प्रकाश धनकड़ को हराया। कुलदीप वत्स के खाते में इस चुनाव में 45 हजार 441 वोट आए तो धनकड़ को 34 हजार 196 वोट मिले। यानी कुलदीप वत्स को 10 हजार से ज्यादा वोटों से जीत मिली। बादली हरियाणा की वीआईपी सीट रही है। इस सीट से बीजेपी के ओम प्रकाश धनकड़ विधायक रह चुके हैं। यहां पर कभी किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है। जनता पार्टी, समता पार्टी से लेकर INLD तक ने इस सीट पर जीत हासिल की है।
हाल के चुनावों पर नजर डालें तो इस सीट पर मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता आया है। 2009 में जहां कांग्रेस ने जीत हासिल की थी तो 2014 में बीजेपी ने सीट पर कब्जा किया। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने कुलदीप वत्स के दम पर वापसी करते हुए जीत हासिल की थी।