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Prabhasakshi Groud Report: 3 छात्रों की मौत का जिम्मेदार कौन? राजनीति नहीं, इन युवाओं के दर्द को सुनिए सरकार

दिल्ली देश की राजधानी जहां हर साल लाखों बच्चे अपने सपनों की उड़ान के लिए पहुंचते हैं। कोई यहां सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए आता है तो कोई शिक्षण संस्थानों में अच्छी पढ़ाई के लिए आता है। कोई डिग्री लेकर प्राइवेट सेक्टर में अच्छी नौकरी के लिए आता है तो कोई अपने सपनों की नई उड़ान के लिए दिल्ली पहुंचता है। लेकिन इसी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में स्थित है राउ आईएएस कोचिंग सेंटर। यह कोचिंग सेंटर पिछले तीन दिनों से सुर्खियों में है। इसका बड़ा कारण यह है कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई है। इसके बाद यहां छात्रों का गुस्सा जबरदस्त तरीके से देखने को मिल रहा है। छात्र पिछले तीन दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
 

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छात्रों की मांग कोचिंग संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की है। इसके अलावा छात्र सरकार से भी कई गुहार लगा रहे हैं। छात्रों का गुस्सा सरकार के खिलाफ भी है। प्रभासाक्षी की टीम ने पूरी तरीके से ग्राउंड रिपोर्ट जाना। उसके बाद इतना जरूर कहा जा सकता है कि कहीं ना कहीं सरकार और एमसीडी की लापरवाही में तीन लोगों की जान चली गई। लेकिन अब कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कार्रवाई किया जा रहा है। असली दोषियों के खिलाफ अब तक जो कार्रवाई हो जानी चाहिए थी वह फिलहाल होता नजर नहीं आ रहा है। 
प्रभासाक्षी की टीम ने वहां प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत की। छात्रों ने कहीं ना कहीं कोचिंग सेंटर्स और उनके मालिकों पर कई बड़े आरोप लगाए। साथ ही साथ पढ़ाई के नाम पर जो भारी भरकम फीस लिए जाते हैं, उस पर भी छात्रों ने अपना गुस्सा दिखाया है। छात्रों का सौफ तौर पर कहना था कि इतनी भारी भरकम फीस देने के बाद भी हमें सुविधा इन कोचिंग संस्थानों की ओर से नहीं दी जाती है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमारी समस्याओं का भी समाधान नहीं किया जाता। छात्रों ने यह भी कहा कि जब बेसमेंट में इस तरह की गतिविधि की इजाजत नहीं होती फिर भी यह कोचिंग संस्थान लाइब्रेरी कैसे खोल रहे हैं। इन्हें कौन खोलने की इजाजत दे रहा है। उन्होंने साफ तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। 
छात्रों ने कहा कि जल भराव को लेकर हमने काफी पहले से शिकायत की थी। मानसून से पहले भी कई शिकायतें हमारी ओर से प्रशासन तक पहुंचाई गई थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई। छात्रों ने यह भी कहा कि यह जो चमक धमक दिखाई दे रहा है इसके पीछे कई छात्रों के मां-बाप की भारी भरकम कमाई है जो वह अपने बच्चों के अरमानों को पूरा करने के लिए लगाते हैं। छात्रों ने कहा कि जब से यह घटना हुई है हमें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। लेकिन कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है। बुलडोजर एक्शन पर भी छात्रों ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने गलती की है उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और यहां सिर्फ सड़क तोड़े जा रहे हैं ताकि इन्हें बनाने के नाम पर आगे भी भ्रष्टाचार किया जा सके।
 

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छात्रों ने नेताओं से राजनीति न करने की अपील की। छात्रों ने यह भी कहा कि हमारे देश के नेता फिलिस्तीन में क्या हो रहा है, इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए उतारू होते हैं। लेकिन संसद से सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित करोल बाग में कोई बड़ा नेता आने को तैयार नहीं है। छात्रों ने कहा कि हम लगातार अपनी बात को कहना चाहते हैं। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। छात्रों में इस बात की संतुष्टि थी कि कम से कम दिल्ली के उपराज्यपाल ने उनसे मुलाकात की है और वह वहां पहुंचे।
 

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