ट्रेनों को लेकर हाल के दिलों में जिस तरीके से खबरें आ रही है, उससे हर भारतीय चिंतित हो रहे होंगे। लगातार ट्रेनों को पलटने की साजिश का खुलासा हो रहा है। पटरियों पर शरारती तत्व कुछ ऐसे काम कर रहे हैं जिसकी वजह से एक्सीडेंट की संभावनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे की ओर से किस तरीके के कदम उठाए जा रहे हैं? क्या रेलवे राज्य सरकारों से सहयोग ले रहा है? इसी को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा बयान सामने आया है।
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अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे उन शरारती तत्वों पर नज़र रखने के लिए सभी राज्य सरकारों, पुलिस महानिदेशकों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ मिलकर काम कर रही है जो रेल परिचालन को पटरी से उतारने और पटरियों पर वस्तुएं रखकर यात्रियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। अपने बयान में उन्होंने कहा कि पूरा रेलवे प्रशासन अलर्ट पर है और इस मामले को गंभीरता से ले रहा है हम लगातार सभी राज्य सरकारों के संपर्क में हैं।’
मंत्री ने कहा कि राज्य के डीजीपी, गृह सचिव और एनआईए भी शामिल हैं… जो कोई भी दुर्घटना करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता है। पूरा रेलवे प्रशासन काफी सतर्कता के साथ काम कर रहा है। वैष्णव ने कहा कि उनका मंत्रालय मामले की तह तक जाने के लिए सभी जोन और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम ऐसी अवैध गतिविधियों के पीछे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है कि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो और हम अपराधियों का पता लगा सकें।
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हालाँकि, मंत्री ने एनआईए की भूमिका के बारे में विस्तार से नहीं बताया। यह घटनाक्रम ऐसे कई उदाहरणों के बाद सामने आया है जब लोकोमोटिव पायलटों ने रेलवे ट्रैक पर हानिकारक वस्तुएं देखी हैं, जिनका उद्देश्य ट्रेन को पटरी से उतारना या यात्रियों के जीवन को नुकसान पहुंचाना था। 22 सितंबर को, कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही एक मालगाड़ी के चालक ने ट्रैक पर एक गैस सिलेंडर देखा और किसी दुर्घटना से बचने के लिए समय रहते आपातकालीन ब्रेक लगा दिया। ऐसी ही एक घटना 15 सितंबर को हुई जब कालिंदी एक्सप्रेस के कानपुर में रुकने से ठीक पहले एक क्षतिग्रस्त सिलेंडर और अन्य हानिकारक वस्तुएं मिलीं।