विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक अधिकारी ने जी20 ‘हेल्थ वर्किंग ग्रुप’ (स्वास्थ्य कार्य समूह) की बैठक में भारत की अध्यक्षता को ‘‘इतिहास का बेहतरीन क्षण’’ बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बुलंद होगी।
डब्ल्यूएचओ की विशेष दूत (एसीटी-एक्सीलरेटर) अयोदे अलकिजा ने कहा कि वह ग्लोबल साउथ सहयोग को देखने की इच्छुक हैं जिसे नई विश्व व्यवस्था में साथ लाया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह प्रक्रिया निश्चित रूप से इसमें मदद करेगी।
अलकिजा ने कहा, ‘‘ भारत की जी20 अध्यक्षता इतिहास में एक बेहतरीन क्षण है, क्योंकि भारत आने वाले कई दशकों के लिए वैश्विक स्वास्थ्य का ढांचा तय करने जा रहा है और यह अगले कुछ महीनों में तय होने जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि दुनिया न केवल चर्चा के लिए भारत आ रही है, बल्कि उससे सीखने के लिए भी आ रही है क्योंकि देश में वित्त से लेकर स्वास्थ्य व बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में ‘डिजिटल’ परिवर्तन हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा बैठक जो आज समाप्त होगी, वह यह सीखने के लिए एक मंच होगी कि हम इस ‘ग्लोबल साउथ’ (अफ्रीका, भारत, लैटिन अमेरिका आदि) एक-दूसरे से कैसे सीख सकते हैं।
अलकिजा ने कहा, ‘‘ हम अपने अनुभवों को कैसे साझा कर सकते हैं, एक साथ नवाचार कैसे कर सकते हैं और हम जैसी दुनिया चाहते हैं उसका सह-निर्माण कैसे कर सकते हैं…वह दुनिया जो सही मायने में हमारे लिए हो…’’
अधिकारी ने कहा कि वह केरल आकर और यहां गर्मजोशी से हुए स्वागत को देखकर काफी खुश हैं।
इस बीच, डब्ल्यूएचओ के ‘डिजिटल हेल्थ एंड इनोवेशन’ के निदेशक डॉ. एलेन लैब्रीक ने कहा कि पांच साल पहले का भारत आज के भारत से काफी अलग है।
दुनिया भर के देशों और ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए भी ऐसा ही कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, हमें यह सोचना होगा कि हम आज कहां हैं, लेकिन कल के लिए भी तैयार रहना होगा और यह ध्यान रखना होगा कि इस प्रौद्योगिक क्रांति से सभी का फायदा होना चाहिए।’’
जी20 की भारत की अध्यक्षता के तहत पहली ‘हेल्थ वर्किंग ग्रुप’ की बैठक शुक्रवार को यहां संपन्न होगी। भारत ने एक दिसंबर 2022 को जी20 की अध्यक्षता संभाली थी।