सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी गहमा-गहमी वाला है। जहां एक तरफ मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी की वजह से राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई। वहीं सीबीआई और ईडी के गलत इस्तेमाल के आरोप को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। बिलकिस बानों केस में 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक बेंच गठित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताई है। ऐसे में आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 20 मार्च से 24 मार्च 2023 तक क्या कुछ हुआ। कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
केंद्र पर CBI और ED के गलत इस्तेमाल आरोप
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मनमाने इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के नेतृत्व वाले 14 राजनीतिक दलों द्वारा संयुक्त रूप से दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को 5 अप्रैल को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई के मनमाने इस्तेमाल के खिलाफ 14 राजनीतिक दलों द्वारा दायर याचिका का उल्लेख किया। वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि याचिका में पूर्व-गिरफ्तारी और गिरफ्तारी के बाद और उनके प्रवर्तन के लिए दिशानिर्देश मांगे गए हैं।
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राहुल को 2 साल की जेल
सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ वाले बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज केस में उन्हें गुरुवार को दो साल जेल की सजा सुनाई। मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने राहुल गांधी को जमानत भी दे दी और सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, ताकि फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जा सके। कांग्रेस इस फैसले को चुनौती देगी। कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोपी संसद सदस्य हैं। जनता के सामने वह जो कुछ भाषण देते हैं, उसका व्यापक असर होता है। अगर कम सजा दी जाती है, तो गलत संदेश जाएगा।
निकाह-हलाला पर नई बेंच
निकाह हलाला और बहुविवाह की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पांच जजों की नई संवैधानिक बेंच का गठन करेगा। चीफ जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘मैं इस पर विचार करूंगा। उपयुक्त चरण में, मैं एक संविधान पीठ का गठन करूंगा। कई अहम केस संवैधानिक बेंच के सामने लंबित हैं।’ याची वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि पहले की संवैधानिक बेंच के दो जज रिटायर हो चुके हैं, नई बेंच बने।
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विशेष बेंच गठित करने पर जताई सहमति
सुप्रीम कोर्ट 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिल्किस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक बेंच गठित करने पर सहमत हो गया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने अपनी वकील शोभा गुप्ता के माध्यम से प्रतिनिधित्व करने वाली बानो को आश्वासन दिया कि नई पीठ का गठन किया जाएगा।
OROP के बकाये का भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तय की तारीख
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र OROP के बकाये का भुगतान करने के लिए बाध्य है। कोर्ट ने 2022 में इसके लिए आदेश दिया था। कोर्ट ने केंद्र को 2019-2022 के लिए अगले साल 28 फरवरी तक 28,000 करोड़ की बकाया राशि देने को कहा। पीठ ने कहा कि छह लाख पेंशनभोगी परिवारों को 30 अप्रैल 2023 तक बकाये का भुगतान किया जाए। पीठ ने ओआरओपी भुगतान पर केंद्र के सीलबंद लिफाफे में दिए जवाब को स्वीकरने से इनकार कर दिया।