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आबादी मात्र 3 लाख, बेचता है अपनी सिटीजनशिप, 1.3 करोड़ खर्च कर ललित मोदी ने क्यों ली Vanuatu की नागरिकता?

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के संस्थापक ललित मोदी ने अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में आवेदन किया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की। मोदी के बारे में ज्ञात है कि उन्होंने दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र वानूआतू की नागरिकता हासिल कर ली है। उन्होंने 2010 में भारत छोड़ दिया था और ऐसा माना जा रहा है कि वे लंदन में रह रहे हैं। पूर्व आईपीएल प्रमुख पर भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा उन पर आरोप लगाया गया है कि वे आईपीएल के शीर्ष बॉस के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान करोड़ों रुपये के गबन में शामिल थे।
मोदी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईएल) की शुरुआत में अहम भूमिका निभाई थी। उन पर बोली में हेराफेरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) का उल्लंघन करने का आरोप है। अनधिकृत फंड ट्रांसफर सहित वित्तीय कदाचार के लिए जांच के दौरान वह 2010 में यूके भाग गए थे। तब से भारत उन्हें प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। लेकिन सवाल यह है कि 15 साल बाद उन्होंने दूसरे देशों को छोड़कर वानूआतू की नागरिकता क्यों हासिल की?

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वानुअतु प्रशांत महासागर में एक छोटा सा द्वीप राष्ट्र है जिसकी आबादी मात्र 3 लाख है और जो निवेश (सीबीआई) द्वारा नागरिकता प्रदान करता है। इस देश में नागरिकता आवेदन प्रक्रिया बहुत ही उदार और आकर्षक है और यह अमीरों को लाभ देता है। हालांकि, वानूआतू एकमात्र ऐसा देश नहीं है जिसके पास नागरिकता खरीद कार्यक्रम है। माल्टा, मोंटेनेग्रो, एंटीगुआ, तुर्की और बारबुडा, डोमिनिका और मिस्र में भी ऐसे कार्यक्रम हैं। वानूआतू के गोल्डन वीज़ा कार्यक्रम के अनुसार, कोई भी व्यक्ति $ 1,35,500 और $ 1,55,5000 (1.18 करोड़ रुपये से 1.35 करोड़ रुपये) के बीच भुगतान करके देश की नागरिकता प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, नागरिकता प्राप्त करने के लिए कम दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
 

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इसके अलावा, देश में दस्तावेजों को डिजिटल रूप से प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता भी दी गई है। इसका सीधा सा मतलब है कि किसी को नागरिकता प्राप्त करने के लिए देश में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं है और वह इसे बाहर से प्राप्त कर सकता है। वानूआतू पासपोर्ट की एक विशेषता यह है कि यह 113 देशों में वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, यह दुनिया का 51वाँ सबसे मज़बूत पासपोर्ट है। बनुआतु एक शून्य-कर क्षेत्राधिकार भी है और यहाँ कोई व्यक्तिगत आयकर, पूंजीगत लाभ कर, वेटाहे कर या विरासत कर नहीं लगता है।

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