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आखिर पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद ममता ने क्यों कहा, हमें विपक्ष मत बोलें, हम भी भारत माता कहते हैं

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को उन्हें “विपक्षी” न कहने की अपील करते हुए कहा कि हम भी देशभक्त हैं और “भारत माता” की जय-जयकार करते हैं। वह पटना में विपक्षी दल की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रही थीं। बनर्जी ने आगे कहा कि विपक्ष एकजुट है और एकजुट होकर लड़ेगा। इससे पहले, उन्होंने कहा कि यह इतना महत्वपूर्ण है कि यह इतिहास की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने पुष्टि की कि विपक्षी नेता 2024 का चुनाव एक साथ लड़ेंगे, इसके अलावा उक्त बैठक का दूसरा दौर अगले महीने शिमला में होगा।
 

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने ही बोला था नीतीश जी को कि पटना में आप मीटिंग रखिए। पटना में जो शुरू होता है वह जन आंदोलन होता है। उन्होंने कहा कि पटना में जो बैठक हुआ है वो अच्छा हुआ है। हमने तीन चीज पर जोर दिया है-हम लोग एक है, हम लोग एक साथ लड़ेंगे, अगला बैठक शिमला में होगा। बीजेपी चाहती है कि इतिहास बदला जाए और हम चाहते हैं कि बिहार से इतिहास बचाया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा की तानाशाही को हमें खत्म करना है। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जो मर्जी आता है, वह बोलते हैं। हम लोगों में से कोई कुछ बोलने की कोशिश करता है तो हमारे खिलाफ इडी, सीबीआई लगा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें विपक्ष ना बोले, हम भी इस देश के हिस्सा हैं। मणिपुर जलता है तो हमें भी दुख होता है। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगली बैठक कुछ दिन के बाद सब पार्टियों की फिर से की जाएगी। अगली बैठक में तय होगा की कौन कहां लड़ेगा। जो शासन में है वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं। वे सब इतिहास बदल रहे हैं। हम सबका अभिनंदन करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं जिसमें हम एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे। हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश की एकता, अखंडता बनाए रखने के लिए हम एक साथ आए हैं। इसके आगे हमारे प्रजातंत्र पर आघात करेगा उसका हम सब मिलकर विरोध करेंगे। जो भी देश में तानाशाही लाना चाहेगा उसके ख़िलाफ़ हम एक साथ रहेंगे। शुरूआत अच्छी रही है। 
 

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DP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जो मुल्क के अंदर हो रहा है और हमारे लोकतंत्र, संविधान, सेक्युलरिज्म पर हमला हो रहा है उसका प्रयोगशाला हमारा जम्मू-कश्मीर बन चुका है। इसकी शुरूआत जम्मू-कश्मीर से हुई है और पूरे मुल्क में वहीं हो रहा है जो हमारे साथ हुआ है। हमने जिस महात्मा गांधी, नेहरू के मुल्क के साथ हाथ मिलाया है वही आइडिया ऑफ इंडिया है। नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा किइतने लोगों को इकट्ठा करना छोटी बात नहीं है। हमारा मकसद ताकत हासिल करना नहीं है। यह उसूलों, विचारधारा, सोच, इरादों की लड़ाई है। मैं और महबूबा मुफ्ती इस मुल्क के ऐसे बदनसीब इलाके से ताल्लुक़ रखते हैं जहां लोकतंत्र का दिनदहाड़े कत्ल किया जा रहा है। वज़ीर-ए-आज़म को व्हाइट हाउस में लोकतंत्र की बात करते हुए अच्छा लगा लेकिन यह लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर तक क्यों नहीं पहुंचता?

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