पिछले तीन दिनों में, जम्मू क्षेत्र में तीन बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं, जो तनाव बढ़ने का स्पष्ट संकेत है। विशेष रूप से, ये हमले उन क्षेत्रों में हो रहे हैं जिन्हें पहले अस्थिर कश्मीर घाटी की तुलना में अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता था। हिंसा का सिलसिला रविवार को शुरू हुआ जब आतंकवादियों ने रियासी में श्रद्धालुओं को ले जा रही एक बस पर गोलियां चला दीं। इसके बाद मंगलवार रात कठुआ में हमला हुआ। अभी हाल ही में डोडा में एक अस्थायी पुलिस और सेना चौकी को निशाना बनाया गया था. ऐतिहासिक रूप से, ऐसी आतंकवादी गतिविधियाँ मुख्य रूप से कश्मीर घाटी तक ही सीमित थीं, लेकिन पिछले अठारह महीनों में, जम्मू क्षेत्र की ओर ध्यान में बदलाव देखा गया है।
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इसी को लेकर प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम में हमने ब्रिगेडियर डीएस त्रिपाठी से बातचीत की। हमने जानना चाहा कि आखिर जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि क्यों हुई है, जब हालत पहले से बेहतर दिखाई दे रहे थे। ब्रिगेडियर डीएस त्रिपाठी ने कहा कि कहीं ना कहीं जिस तरीके की हमले हुए हैं, उसके पीछे की क्रोनोलॉजी को समझना चाहिए। यह हमले पूरी तरीके से प्री प्लान है, नॉर्मल हम इसे नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एजेंसी आईएसआई अपनी कैपेबिलिटी को दिखाना चाहता है। वह यह बताने की कोशिश कर रहा है कि हम शांत नहीं हुए हैं। हम लगातार भारत के खिलाफ साजिश रचते रहेंगे क्योंकि जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने के बात चल रही है। हाल के लोकसभा चुनाव में हमने देखा कि कैसे वोट परसेंटेज बढ़े हैं। इसकी वजह से भी पड़ोसी मुल्क के लोगों में बौखलाहट है। यही कारण है कि वह जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को बहाल नहीं होने देना चाहते।
ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में यह हमले हुए हैं, उन्हें शुरू से ही शांत माना जाता रहा है। कठुआ, हीरानगर के इलाके को देखें तो यहां सीजफायर की कोशिश होती रही है। लेकिन आतंकवादी घटनाएं कम होती थी। डोडा संवेदनशील रहा है। लेकिन अब की स्थिति अलग थी। वहीं रियासी हमेशा से शांत रहा है क्योंकि यहां हजारों पर्यटक हर दिन पहुंचते हैं और माता वैष्णो देवी के दर्शन करते हैं। इस हमले के जरिए आतंकवादी एक खौफ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हमने अपने प्लान में बदलाव किया है। हम शांत नहीं है। हम अब आम नागरिकों को भी टारगेट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए अब हमारे इंटेलिजेंस एजेंसी को सतर्क रहने की जरूरत है।
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हाल के आतंकी घटनाओं पर ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने कहा कि कहीं ना कहीं सुरक्षा बलों के बीच कोआर्डिनेशन की कमी रही है। तभी यह हमले हो रहे हैं। इंटेलिजेंस फैलियर भी है। हमें जो गैप नजर आ रहे हैं, उन्हें भरने की कोशिश करनी होगी। हमें पहले ही स्टेप में आतंकवादी जो पाकिस्तान से आ रहे हैं, उन्हें बॉर्डर पर ही रोकने की कोशिश करनी होगी और अगर वह किसी भी कीमत पर अंदर आ जा रहे हैं तो सिर उठाने के लायक नहीं छोड़ा जाना चाहिए। इसके साथ ही ब्रिगेडिएट त्रिपाठी ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों में काबिलियत है। वह किसी भी कीमत पर आतंकवाद को फिर से जम्मू कश्मीर में पनपने नहीं देंगे। छिटपुट घटनाएं करने की कोशिश आतंकवादियों की ओर से होगी, लेकिन उन्हें इसकी सजा भी जल्द ही दे दी जाएगी।