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Yes Milord: वकीलों से क्यों नाराज हुए CJI, ताज के तथ्यों पर HC ने क्या कहा, जानें कोर्ट में इस हफ्ते क्या कुछ हुआ

सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आप सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा अध्यक्ष से मिलकर बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। ताजमहल के इतिहास को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में मस्‍ज‍िद कमेटी की याच‍िका खार‍िज कर दी। महिला अधिकारियों की कर्नल पद पर पदोन्नति मामले में अदालत ने अहम टिप्पणी की है। इस हफ्ते यानी 30 अक्टूबर से 4 नवंबर तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

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महिला अधिकारियों की कर्नल पद पर पदोन्नति का मामला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला अफसरों को कर्नल पद पर प्रमोशन के लिए शामिल न करने का सेना का रवैया मनमाना है। कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे महिला अफसरों के प्रमोशन के लिए 15 दिन में एसएसबी (स्पेशल सिलेक्शन बोर्ड) बुलाएं। कोर्ट ने महिला अफसरों के अधिकारों को खत्म करने का रास्ता खोजने के रवैये की निंदा की। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की अप्रोच उन महिला अधिकारियों को न्याय देने की जरूरत पर उलटा असर डालता है, जिन्होंने अपने हक को लेने के लिए लंबी और कठिन कानूनी लड़ाई लड़ी है।
ताज के तथ्यों पर पर एएसआई फैसला करे: हाई कोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को विश्व प्रसिद्ध मुगल स्मारक ताज महल के निर्माण से संबंधित इतिहास की पुस्तकों में बदलाव की मांग करने वाले एक प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश दिया। प्रतिनिधित्व में दावा किया गया है कि राजा मान सिंह के महल को ध्वस्त कर उसी स्थान पर नए सिरे से ताज महल का निर्माण कराए जाने का कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। एक अर्जी में दावा किया गया है कि ताजमहल शाहजहां ने नहीं बनवाया बल्कि उन्होंने राजा मान सिंह के महल का रेनोवेशन कराया था। अर्जी को सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका था। कहा था कि कोर्ट इतिहास खंगालने के लिए नहीं हैं।
ज्ञानवापी पर अर्ज़ी रद्द, SC बोला- दखल नहीं देंगे
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मस्जिद विवाद से संबंधित ज्ञानवापी मामले को एकल न्यायाधीश पीठ से वापस लेने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर के आदेश को चुनौती दी गई थी। समिति ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद का प्रबंधन करती है। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में मस्जिद समिति की अर्जी खारिज की। इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सिंगल बेच से मामला दूसरी पीठ को दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आदेश में दखल नही देगे। मुख्य न्यायाधीश के पास आधार हैं। हम इसे वहीं छोड़ देंगे। 

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सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा को क्या सुझाव दिया
सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आप सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा सभापति से मिलने और कथित आचरण के लिए माफी मांगने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आप नेता राघव चड्ढा को सदन से अपने निलंबन के मद्देनजर राज्यसभा अध्यक्ष से मिलने और बिना शर्त माफी मांगने का सुझाव दिया। यह आरोप लगाया गया था कि पंजाब से राज्यसभा सांसद ने दिल्ली सेवा विधेयक को चयन समिति को सौंपने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा के वकील के बयान भी दर्ज किए थे कि सांसद का उस सदन की गरिमा को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है जिसके वह सदस्य हैं।  एक सदस्य और वह राज्यसभा सभापति से मिलने का समय मांगेंगे ताकि वह बिना शर्त माफी मांग सकें। 
वकीलों की किस बात पर नाराज हुए सीजेआई
भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों से नए मामलों में स्थगन का अनुरोध नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि वह नहीं चाहते कि उच्चतम न्यायालय ‘तारीख-पे-तारीख’ अदालत बन जाए। दिन की कार्यवाही के आरंभ में प्रधान न्यायाधीश ने नए मामलों में वकीलों द्वारा स्थगन के अनुरोध का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले दो महीने में वकीलों ने 3,688 मामलों में स्थगन का अनुरोध किया। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी हैं। उन्होंने कहा कि जब तक अत्यंत जरूरी नहीं हो, तब तक कृपया स्थगन का अनुरोध नहीं करें। मैं नहीं चाहता कि यह अदालत ‘तारीख-पे-तारीख’ अदालत बन जाए।

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