Breaking News

पी (पिछड़ा) डी (दलित) पर जब ए (अल्पसंख्यक) हमला करता तो क्यों खामोशी ओढ़ लेते हैं अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अक्सर पीडीए यानी पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक समाज के पक्ष में जोरदार तरीके से आवाज उठाते रहते हैं, लेकिन जब पी (पिछड़ा) समाज के किसी धार्मिक कार्यक्रम में ए (अल्पसंख्यक) समाज के लोग उधम मचाते हुए पथराव करते हैं तो अखिलेश यादव का पीडीए प्रेम न जाने कहां दम तोड़ देता है। इसका ताजा उदाहरण लखनऊ के चिनहट की गंगा विहार कॉलोनी में मंगलवार 10 सितंबर की रात को देखने को मिला जब गणेश पूजन के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के युवकों की ओर से पिछड़ा समाज के प्रमोद चौरसिया के यहां बेवजह पथराव व हंगामा किया गया, लेकिन मुस्लिम  तुष्टिकरण की सियासत कीे चलते अखिलेश और उनकी पार्टी के किसी नेता ने इसके खिलाफ मुंह खोलना उचित नहीं समझा। ऐसा ही तब भी हुआ था जब अयोध्या में एक दलित किशोरी के साथ सपा के मुस्लिम नेता ने दुराचार कांड को अंजाम दिया था।
ऐसे में विपक्ष का यह आरोप प्रसांगिक लगता है कि अखिलेश का दलित और पिछड़े समाज पर होने वाले अत्याचार से कुछ लेना देना नहीं है। वह पी और डी का नाम सिर्फ अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिये करते हैं। बहरहाल, सरकार योगी की है और उनके राज में ऐसे लोगों को संरक्षण नहीं मिलता है। इसी के चलते  उक्त मामले में पुलिस ने कई उपद्रवियों को चिह्नित किया है। यही नहीं 13 युवकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ भी कर रही है। एहतियात के तौर पर इलाके में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। उधर, बीकेटी विधायक योगेश शुक्ल ने भी गंगा विहार पहुंच कर घटना के बारे में जानकारी ली और आरोपियों पर कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस को दिए।

इसे भी पढ़ें: पुलिस राह चलते किसी का एनकाउंटर नहीं करतीः अपर्णा यादव

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि मंगलवार 10 सितंबर की रात हुई घटना के संबंध में प्रदीप चौरसिया की पत्नी किरन की तहरीर पर चिनहट थाने में 20 से 25 अज्ञात युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस को कुछ लोगों के मोबाइल से घटना से जुड़े कुछ वीडियो मिले हैं। इन्हीं वीडियो की मदद से उपद्रव करने वालों को चिह्नित किया गया है। पुलिस ने 13 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। वहीं, हिरासत में लिए गए युवकों की तरफ से बुधवार शाम 15 से 20 महिलाएं चिनहट थाने पहुंची और एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया। पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस कर दिया।
पिछड़ा समाज से आने वाले प्रदीप चौरसिया ने बताया कि बीते पांच साल से वह घर में गणेश प्रतिमा स्थापित करते हैं। इस बार भी प्रतिमा रखी थी। पहले दिन तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन अगले ही दिन से दूसरे समुदाय के युवक झुंड बनाकर उनके घर के बाहर जमा होकर धार्मिक नारे लगाने लगे थे। मंगलवार को वह मंदिर पर हो रहे भंडारे में गए थे। घर में पत्नी, बेटी और भतीजी थी। वे लोग लोग आरती कर रही थीं। इसी बीच मोहल्ले में रहने वाले दूसरे समुदाय के युवकों ने घर के बाहर एकत्र होकर पथराव शुरू कर दिया। प्रदीप के अनुसार आरोपियों ने ऐसा क्यों किया, यह बात उनको भी नहीं पता।

Loading

Back
Messenger