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सरकार मराठवाड़ा में सूखा घोषित क्यों नहीं करती? 45हजार करोड़ का पैकेज आंकडों की बाजीगरी : कांग्रेस

कांग्रेस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए घोषित 45 हजार करोड़ रुपये के पैकेज को ‘आंकड़ों की बाजीगरी’ करार दिया। पार्टी ने कहा कि सरकार इलाके में कम बारिश के बावजूद सूखा घोषित नहीं कर रही है जो किसानों के साथ क्रूर मजाक है।
मराठवाड़ा मुक्ति दिवस की 75वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में सात साल के बादशनिवार को छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने मराठवाड़ा में विकास के लिए 45 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। उन्होंने साथ ही 14 हजार करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजनाओं की प्रशासनिक मंजूरी में भी संशोधन किया।

महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 2016 में तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा की गई घोषणा 2023 में फिर से सामने रखा गया है। मराठवाड़ा सूखे से ग्रस्त है। लोग उम्मीद कर रहे थे कि (मंत्रिमंडल द्वारा)सूखे की घोषणा की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’’
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने मराठवाड़ा जिले के सभी आठ जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का फैसला किया था; लेकिन (जून 2022) में सरकार गिरने के बाद योजना को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका।

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि मराठवाड़ा के विकास के लिए 45 हजार करोड़ रुपये की घोषणा केवल आंकड़ों की जादूगरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अर्हता पूरी होने के बावजूद मराठवाड़ा में सूखे की घोषणा नहीं किया जाना किसानों के साथ क्रूर मजाक है।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे के गृह जिले बीड में 168 किसानों ने आत्महत्या की है।

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