संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक दिवसीय दौरे पर पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान के साथ बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि दोनों देश अपनी मुद्राओं में व्यापार शुरू करने पर सहमत हुए हैं। यूएई के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मोदी ने कहा कि पिछले साल व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर के बाद से भारत-यूएई व्यापार में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों की मुद्राओं में व्यापार के लिए शनिवार को हस्ताक्षरित समझौता दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग और आपसी विश्वास को दर्शाता है। दोनों देशों की मुद्राओं में व्यापार पर यूएई के साथ समझौते से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने कहा कि उन्हें शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से हमेशा भाई का प्यार मिला। उन्होंने यूएई के राष्ट्रपति से कहा, ‘‘जिस तरह से हमारे देशों के बीच संबंधों का विस्तार हुआ है, उसमें आपका बहुत बड़ा योगदान है। भारत का हर व्यक्ति आपको एक सच्चे दोस्त के रूप में देखता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे अबू धाबी आकर और आपसे मिलकर खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि गर्मजोशी से किए गए स्वागत के लिए और आपके द्वारा दिए गए सम्मान के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतीय आपको एक सच्चे दोस्त के रूप में देखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम अपनी साझेदारी को मज़बूत करने के लिए नई पहल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके तहत दोनों देशों की मुद्राओं में व्यापार समझौते पर आज का समझौता हमारे मज़बूत आर्थिक सहयोग और विश्वास को दर्शाता है।
हम आपको यह भी बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच कई समझौता ज्ञापनों का भी आदान-प्रदान किया गया। दोनों देशों की मुद्राओं में व्यापार समझौते के अलावा जो अन्य महत्वपूर्ण समझौता हुआ है उसके मुताबिक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली का परिसर अबू धाबी में स्थापित किया जायेगा। आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी परिसर में जनवरी 2024 से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और अगले साल सितंबर से स्नातक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जायेगी। इसके तहत अकादिमक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम आदि आईआईटी दिल्ली द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। डिग्री भी आईआईटी दिल्ली प्रदान करेगी।
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देखा जाये तो प्रधानमंत्री मोदी की यूएई यात्रा के केंद्र में ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और रक्षा जैसे क्षेत्र रहे। साथ ही दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा भी की। दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी को नयी गति देने वाले वृहद आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर कोविड-19 महामारी के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। हम आपको बता दें कि भारत और यूएई व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, फिनटेक, रक्षा, सुरक्षा और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बना रहे हैं।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्रपति भवन ‘कसर अल वतन’ में पारंपरिक स्वागत किया गया जहां यूएई के राष्ट्रपति ने उनकी आगवानी की। प्रधानमंत्री ने यहां सलामी गारद का निरीक्षण भी किया। इस दौरान बच्चे अपने हाथों में तिरंगा लिए हुए थे।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘कॉप-28’ की संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता के दौरान भारत के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने यूएई में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन ‘कॉप28’ के नामित अध्यक्ष डॉ. सुल्तान अल जाबेर के साथ सार्थक बातचीत की। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूएई में होने वाले ‘कॉप28’ के नामित अध्यक्ष एवं अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी के ग्रुप सीईओ डॉ. सुल्तान अल जाबेर के साथ सार्थक बैठक की।’’ उन्होंने कहा, ”डॉ. जाबेर ने प्रधानमंत्री को आगामी ‘कॉप-28’ के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने ‘कॉप-28’ की यूएई की अध्यक्षता के दौरान भारत के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।’’ हम आपको बता दें कि वर्ष 2023 का संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन या कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज ऑफ द यूएनएफसीसी को सामान्य तौर पर ‘कॉप-28’ के रूप में जाना जाता है, जिसका आयोजन 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक दुबई में होगा। वर्ष 1992 में पहला संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौता होने के बाद से इस सम्मेलन का आयोजन वार्षिक रूप से होता है।
हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा संपन्न होने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक दिवसीय यात्रा पर शनिवार को अबू धाबी पहुंचे थे। वह फ्रांस में बैस्टिल दिवस परेड में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए थे और वहां उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।