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झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए, Hiroshima के बाद Port Moresby और Sydney में भी छा गये PM Modi

एक कहावत है झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को देखें तो उन पर यह कहावत एकदम फिट बैठती है। दुनिया के सबसे अमीर और संपन्न देश अमेरिका का राष्ट्रपति यदि भारत के प्रधानमंत्री मोदी को कहे कि आप बहुत लोकप्रिय हैं और मुझे आपके रात्रिभोज में मेहमानों की संख्या को मैनेज करने में बहुत दिक्कत हो रही है, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री यदि मोदी से कहें कि आपके सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जिससे हमें दिक्कत हो रही है, पापुआ न्यू गिनी यदि मोदी के पहुँचने पर उनका स्वागत करने के लिए सूर्यास्त के बाद किसी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं करने की अपनी परम्परा को तोड़ दे, यही नहीं उसके प्रधानमंत्री यदि भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए उनके पैर छूने लगें तो यह भारत के प्रति दुनिया का सम्मान और नरेंद्र मोदी की वैश्विक नेता वाली दमदार छवि को प्रस्तुत करता है।
तीन देशों की यात्रा के क्रम में प्रधानमंत्री आज शाम सिडनी पहुंचे। मोदी ऑस्ट्रेलियाई सरकार के मेहमान के तौर पर 22 से 24 मई तक ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं। वह सिडनी में ऑस्ट्रेलियाई भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। 
आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री का बयान
मोदी के आगमन से पहले, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं इस साल की शुरुआत में भारत में अत्यधिक गर्मजोशी से किए स्वागत के बाद, ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी करने को उत्सुक हूं। यह मेरे लिए सम्मान की बात है।’’ क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार के साथ ही अपने प्रभाव का विस्तार करने के प्रयासों के बीच अल्बनीज ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया और भारत एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए अपनी प्रतिबद्धता साझा करते हैं। इस दृष्टि का समर्थन करने में हमें मिलकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि वह 24 मई को अल्बनीज के साथ अपनी बैठक को लेकर उत्सुक हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एक बयान में कहा, यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के गतिशील भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भाग लेंगे। सरकार ने कहा कि भारतीय समुदाय “हमारे बहुसांस्कृतिक समुदाय का एक मुख्य हिस्सा है।’’ हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार 2014 में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी।
मोदी का पीएनजी का दौरा
हम आपको बता दें कि मोदी पापुआ न्यू गिनी से यहां पहुंचे, जहां उन्होंने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारपे के साथ बातचीत की और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। उन्होंने वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल तथा जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की। पापुआ न्यू गिनी में दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच शिखर सम्मेलन की भी सह-मेजबानी की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी पापुआ न्यू गिनी की यात्रा ऐतिहासिक रही। मैं इस अद्भुत राष्ट्र के लोगों से मिले स्नेह को बहुत संजो कर रखूंगा। मुझे FIPIC के सम्मानित नेताओं के साथ बातचीत करने और उनके संबंधित देशों के साथ रिश्तों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने का भी अवसर मिला।’’ 
पापुआ न्यू गिनी की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने एक पुरानी कहावत का जिक्र करते हुए 14 प्रशांत द्वीपीय देशों के नेताओं से कहा कि सच्चा मित्र वही होता है, जो कठिन घड़ी में काम आए और जिन्हें विश्वासपात्र समझा जाता था वे ‘‘जरूरत के समय हमारे साथ खड़े नहीं रहे।’’ ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीन का परोक्ष जिक्र करते हुए यह बात कही। मोदी ने यहां एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत चुनौतीपूर्ण समय में प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ खड़ा रहा। उन्होंने प्रशांत द्वीपीय देशों से कहा कि वे भारत को अपने विकास के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देख सकते हैं क्योंकि वह उनकी प्राथमिकताओं का सम्मान करता है और सहयोग करने का उसका दृष्टिकोण मानवीय मूल्यों पर आधारित है।

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मोदी को मिला सम्मान
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पापुआ न्यू गिनी और फिजी ने सोमवार को अपने-अपने देशों के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। इन दोनों प्रशांत द्वीपीय देशों के सर्वोच्च सम्मान से किसी अन्य देश के व्यक्ति को सम्मानित किया जाना दुर्लभ बात है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘गवर्नमेंट हाउस’ में एक विशेष समारोह में पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘ग्रैंड कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु’ (जीसीएल) से सम्मानित किया। इसने कहा कि यह देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है और पुरस्कार प्राप्त करने वालों को “चीफ” का खिताब दिया जाता है। इससे कुछ ही देर पहले फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से नवाजा। प्रधानमंत्री मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए यह सम्मान दिया गया।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री से भेंट
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को न्यूजीलैंड के अपने समकक्ष क्रिस हिपकिन्स से पहली बार मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की पूरी श्रृंखला पर चर्चा की एवं व्यापार और वाणिज्य, शिक्षा और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी।
मिलेट के लाभ गिनाये
इसके अलावा, नरेन्द्र मोदी ने मध्याह्न भोजन के दौरान हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच के तीसरे शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं की सोमवार को मेजबानी की। मध्याह्न भोजन में भारतीय व्यंजनों और मोटे अनाज को विशेष रूप से शामिल किया गया। इस मध्याह्न भोजन के दौरान नेताओं ने खांडवी, मोटे अनाज एवं सब्जियों के सूप, मलाई कोफ्ता, राजस्थानी रागी गट्टा करी, दाल पंचमेल, बाजरा बिरयानी, फुल्का और मसाला छाछ का आनंद लिया। पान कुल्फी और मालपुआ भी परोसा गया। इस दौरान पेय पदार्थों में मसाला चाय, ग्रीन टी, पुदीने की चाय और ताजा पीसी गई पीएनजी की कॉफी को भी शामिल किया गया। मध्याह्न भोजन में मोटे अनाज को शामिल किया जाना भारत द्वारा इसे दी जाने वाली महत्ता को दर्शाता है।

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