केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मणिपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को राजनीतिक रूप से न देखे जाने व इस पार्क सरकार द्वारा चर्चा के लिए तैयार होने के बावजूद विपक्ष द्वारा इस मुद्दे को भटकाने व राजनैतिक रंग देने की बात कही है।
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन संवाददाताओं से बात करते हुए ठाकुर ने कहा, “मणिपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बेहद कड़ा संदेश देते हुए दोषियों को सजा देने की बात कही है, दुःख प्रकट किया है और राज्य सरकारों से महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर नकेल कसने की बात कही है मगर विपक्ष, ख़ासकर कांग्रेस इस पर चर्चा क्यों नहीं चाहता? विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर ये लोग चुप्पी क्यों साध लेते हैं।”
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ठाकुर ने आगे कहा, “हम इस गंभीर मुद्दे पर संसद में चर्चा हेतु तैयार थे पर विपक्ष इससे भाग रहा है। उनकी क्या मजबूरी है कि वे चर्चा नहीं करना चाहते? इसका एकमात्र कारण यह है की विपक्ष महिलाओं को राजनीतिक टूल मानकर इस पर राजनीति करता है। क्योंकि उनके राज्यों में कई ऐसी घटनाएं सबसे अधिक हो रहीं हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान महिलाओं के खिलाफ अपराध में पहले नंबर पर है। मैं सोनिया जी और राहुल जी से पूछता हूं क्या आप को एक राज्य में ही महिलाओं के खिलाफ अपराध दिखते हैं? क्या आपको राजस्थान नहीं दिख रहा? क्या आप राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध पर मूकदर्शक बने रहेंगे? क्या आप महिलाओं के बीच भी अंतर करेंगे?”
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ठाकुर ने आगे राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर आंकड़े पेश करते हुए कहा, “1 लाख 90 हज़ार से ज़्यादा आपराधिक घटनाएँ, 33 हज़ार से ज़्यादा रेप केस के साथ देश भर की बलात्कार की 22% घटनाएँ सिर्फ़ अकेले राजस्थान में, राजस्थान रेप के मामले में देश का नंबर 1 राज्य। कांग्रेस विधायिका तक (दिव्या मदेरणा) ख़ुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहीं…फिर भी कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चुप, आख़िर क्यों ? आज राजस्थान में क़ानून व्यस्था अपराधियों के हौसलों के आगे पस्त है, बेटियाँ घरों से निकलने से डरने लगी हैं कि ना जाने किस चौक चौराहे पर कोई दरिंदा उसकी अस्मत लूट ले और सरकार, पुलिस प्रशासन सब चुप बैठ के तमाशा देखें। एक नकारा सरकार से आप क्या उम्मीद कर सकते हैं?